सचिन पायलट के अनशन के बाद अब आगे क्या? इन 7 प्वांइट से समझिए कि क्या है राजस्थान की राजनीति का मूड

Published : Apr 11, 2023, 09:55 AM ISTUpdated : Apr 11, 2023, 10:07 AM IST
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सार

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठ रहे हैं। पायल ने अपनी कांग्रसे पार्टी और सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजस्थान कांग्रेस के लिए आज का दिन काफी बदलने वाला साबित हो सकता है। 

जयपुर. चुनाव से सात महीने पहले सचिन पायलट ने बड़ा धमाका कर दिया हैं। आज का दिन राजस्थान की कांग्रेस ही क्या दिल्ली की कांग्रेस भी याद रखने वाली है....। राजस्थान कांग्रेस के दूसरे सबसे बड़े नेता पायलट अनशन पर बैठे हैं आज एक दिन के लिए अनशन - उपवास चुनौती बनता जा रहा है पार्टी के लिए...। पार्टी ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधी करार दे दिया है.... ऐसे में अब सचिन पायलट का यह उपवास आगे क्या संभावनाएं पैदा कर रहा है.......। इन सात बिंदुओं से समझ सकते हैं...।

1. सचिन पायलट को अगर पार्टी विरोधी गतिविधी के नाम पर एक्शन लिया जाता है तो वे कम से कम छह साल के लिए निष्कासित किए जा सकते हैं यानि दो विधानसभा चुनाव एक साथ उनके हाथ से निकल जाएंगे। छह साल का मतलब हैं दो सरकार में वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और जीवन के महत्वपूर्ण दस साल ऐसे ही निकल जाएंगे।

2 . दूसरी संभावना जो सबसे प्रबल है और वह ये है कि पायलट आने वाले दिनों में अपनी नई पार्टी बनावें...। कांग्रेस ने उनको पिछले तीन साल से कोई तवज्जो नहीं दी है, ना ही उनको कोई पद दिया है और ना ही उनके किसी भी बयान को गंभीरता से लिया है। पार्टी मंे अशोक गहलोत की चलती है फिर चाहे दिल्ली हो या राजस्थान...। सचिन पायलट विवादों बारे में दिल्ली दरबार में भी कई हाजिरी लगा आए, लेकिन परिणाम नहीं आए। ऐसे में वे नव विक्लप तलाश सकते हैं।

3 . पायलट का आज का अनशन... सिर्फ अनशन ना होकर शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है। गुर्जर बहुल इलाके यानि जयपुर, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर , करौली से आज हजारों की संख्या में लोग उनके अनशन में शामिल हो रहे हैं। यानि ये शक्ति प्रदर्शन भी माना जा सकता है।

4 . इस अनशन पर राजस्थान के नेताओं की ही नहीं दिल्ली तक के कांग्रेसी नेताओं की नजर है। सचिन पायलट के बेहद करीबी माने जाने वाले राहुल गांधी भी इस मामले में अब तक कोई हस्तक्षेप नहीं कर सके हैं। ऐसे में सचिन का पलडा भारी है, क्योंकि वे पार्टी को कई बार चेता चुके हैं।

5 . आलाकमान का ये मानना है कि सचिन पायलट ने एक बार सरकार गिराने की कोशिश की थी विरोधियों के साथ मिलकर... एक यही उनका गलत मैसेज है और इसी कारण उनके किसी भी बयान या किसी भी मांग पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।

6 . सचिन पायलट को अपने साथ आने के लिए आरएलपी पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा भी न्यौंता दे चुके हैं । ऐसे में पायलट उनके साथ मिलते हैं तो ये बड़ा घटनाक्रम हो सकता है।

7 . अब सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार आज के अनशन पर नजर रखे हुए है। अनशन में आने वाले तमाम लोगों पर भी नजर है, अगर जरा भी बवाल होता है तो सरकार सचिन के समर्थकों पर केस ठोक सकती है। ऐसे में सचिन के समर्थक उनके खिलाफ हो सकते हैं और उनकी छवि एक ही क्षण में हमेशा के लिए धूमिल हो सकती है।

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