सचिन पायलट के अनशन को लेकर दिल्ली में हुई बैठक, आलाकमान के कई नेता रहे मौजूद, लेकिन...

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ी जंग को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान नेता ने बैठक की। इसमें पयालट के किए गए अनशन को लेकर बड़ा फैसला किया जाना था। देर शाम होने तक भी नहीं पता चला क्या फैसला लिया।

Arvind Raghuwanshi | Published : Apr 13, 2023 6:53 AM IST / Updated: Apr 13 2023, 08:22 PM IST

जयपुर. पार्टी के खिलाफ बगावत कर अनशन पर बैठने वाले सचिन पायलट के खिलाफ अब बड़े एक्शन की तैयारी चल रही है। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के चुनिंदा नेताओं की बैठक शुरू हुई और यह बैठक दोपहर तक चली। इस बैठक मे सीएम गहलोत तक को नहीं बुलाया गया है। बैठक में पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हुए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होनें सीएम गहलोत और सचिन पायलट दोनो के बारे में प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा से रिपोर्ट मांगी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाना था। लेकिन इस बैठक में कोई भी फैसला नहीं आया। 

पायलट पर हो सकता है बड़ा एक्शन

दरअसल, पायलट ने परसों यानि मंगलवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन किया था। उसके बाद अगले दिन यानि कल बुधवार को उन्हें दिल्ली तलब कर लिया गया था और आज दिल्ली में बड़ी बैठक हुई। बैठक से एक दिन पहले ही यानि बुधवार देर शाम प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रधांवा.... पायलट के खिलाफ एक्शन लेने के संकेत दे चुके थे।

आखिर क्योंकि युवा पायलट और अनुभवी गहलोत में ठनी है जंग

दोनो नेताओं की मूंछ की लड़ाई काफी लंबे समय से चल रही है। राजस्थान की राजनीति में सीएम पहले नंबर पर हैं तो पायलेट जो कि पूर्व सीएम रह चुके, वे दूसरे नंबर पर हैं। पायलट दिल्ली और राजस्थान में पार्टी के बड़े पद संभाल चुके हैं। पायलट की उम्र करीब 44 साल है और वे करीब 22 साल से राजनीति में है। जबकि सीएम गहलोत करीब 45 साल से राजनीति में है। उन्होनें कुछ दिन पहले कहा था कि काफी रगड़ाई के बाद यहां तक पहुंचे हैं। उधर सीएम गहलोत फिर से सीएम बनने के सपने देख रहे हैं और विजन 2030 पर काम कर रहे हैं और इधर पायलट के खिलाफ पार्टी के नेता अनुशासन हीनता करने के आरोप लगा रहे हैं।

6 साल के लिए कांग्रेस पायलट को निकाल सकती है बाहर

पार्टी के शीर्ष नेताओं की मानें तो पायलट को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है और मामला और गंभीर निकला तो उन्हें करीब छह साल के लिए पार्टी से निकाला तक जा सकता है। हांलाकि उनके निष्कासन से बीस से ज्यादा बड़े नेता और लाखों की संख्या में गुर्जर समाज नाराज हो सकता है। इसलिए पार्टी बीच का रास्ता निकालने के प्रयास में है। देर शाम होने तक पार्टी के आलाकमान ने क्या फैसला किया है यह सामने नहीं आ सका है।

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