
कोटा (राजस्थान). माता-पिता। 4 साल की बेटी और 6 साल का बेटा सुनने में एक कंपलीट फैमिली, जीवन में और किसे क्या चाहिए । लेकिन जयपुर में रहने वाले पिता जिसने सभी सीमाएं पार कर दी । अपने हंसते खेलते हुए परिवार को अपने हाथों ही उजाड़ दिया और इसके पीछे शराब पीने की प्रवृत्ति बड़ा कारण थी ।
क्रूर पिता ने अपनी ही बच्ची को रख दिया गिरवी
शराब पीने के लिए पिता ने लोगों से कर्जा लिया। वह नहीं चुका सके तो अपनी 4 साल की बेटी को ही गिरवी रख दिया। पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने 6 साल के उसके बड़े भाई की मदद से बहन को आजाद कराया तब जाकर यह पूरा घटनाक्रम सामने आया है । कोटा ही नहीं पूरे राजस्थान में यही सवाल सबको हैरान कर रहा है कि आखिर एक पिता अपने ही मासूम बच्ची के साथ ऐसा कैसे कर सकता है ...?
4 साल की बहन और 6 साल का भाई मांग रहे थे भीख
दरअसल कोटा में 4 साल की बहन और 6 साल का भाई रेलवे कॉलोनी में घूमते हुए मिले । वे लोगों से रुपए मांग रहे थे । उन्होंने गंदे कपड़े पहन रखे थे । दोनों को स्थानीय लोगों ने देखा तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया गया ।बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी अरुण भार्गव ने दोनों बच्चों की काउंसलिंग की। उससे पहले दोनों को नहलाया धुलाया, नए कपड़े पहन आए और उनकी पसंद का भोजन दिया गया ।
मां हुई लापता तो पिता करते हैं कबाड़ी का काम
भाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह लोग जयपुर के रहने वाले हैं। उसके पिता कबाड़ का काम करते हैं । मां काफी समय से लापता है । पिता शराब पीने के आदी है और शराब पीकर आए दिन मारपीट करते हैं । जयपुर में ही एक व्यक्ति से शराब पीने के लिए रुपए उधार लिए , लेकिन वह नहीं चुका सके। उसके बाद वह शख्स छोटी बहन को ले गया और बहन से भीख मंगवाने लगा । पता चला कि करीब 4500 रू अभी तक 4 साल की बच्ची कमा कर दे चुकी है ।
पिता ने किया कलंकित कांड
काउंसलिंग टीम ने जब यह घटना सुनी तो वो लोग परेशान हो उठे । उन्होंने कोटा पुलिस की मदद से जयपुर पुलिस से संपर्क किया है और आज जयपुर पुलिस की टीम कबाड़ का काम करने वाले उस कलंकित पिता के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है । उधर दोनों बहन भाई अपने पिता के पास जाने को तैयार नहीं है । परिवार के अन्य सदस्यों से भी दोनों संपर्क करना नहीं चाहते हैं । फिलहाल वे बाल कल्याण समिति के पास ही सुरक्षित हैं। बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी दोनों बच्चों के दिव्यांग मां को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
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