
अजमेर. राजस्थान में इन दिनों 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है। कुछ विषय की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 20 मार्च यानी सोमवार से शुरू हो रही है । ऐसे में प्रदेश के तमाम स्कूलों में बच्चों को एडमिट कार्ड बांटे गए हैं ताकि वह परीक्षाओं में बैठ सके। लेकिन अजमेर जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल और कुछ बच्चों के बीच में खुन्नस के कारण प्रिंसिपल ने कई बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिए ।यही कारण रहा कि उनमें से एक बच्चे ने जहर पी लिया और जान देने की कोशिश की। उसकी हालत बेहद गंभीर है और वह अस्पताल में भर्ती है । इस पूरे घटनाक्रम के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने प्रिंसिपल को चेताया है कि अगर कल सवेरे तक एडमिट कार्ड नहीं दिया गया तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे । मामले की पूरी जांच पड़ताल गंज थाना पुलिस कर रही है । छात्र का नाम दीपक है।
प्रिंसिपल का 6 से 7 छात्रों का चल रहा था विवाद
पुलिस ने दीपक के परिजनों से पूछताछ के आधार पर बताया कि वह रामनगर में स्थित एक सरकारी स्कूल का छात्र है । इस स्कूल में रचना शेखावत नाम की प्रिंसिपल है । छात्र के परिजनों ने पुलिस को बताया कि पिछले कुछ महीनों से प्रिंसिपल और 6 7 अन्य बच्चों में किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद के बारे में ना तो परिजनों को सूचना दी गई और ना ही परिजनों को मिलने के लिए स्कूल में बुलाया गया। लेकिन प्रिंसिपल का यह कहना था कि सेशन के लास्ट में वह जरूर सबक सिखाएगी। छात्रों को यह नहीं पता था कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए दिया जाने वाला एडमिट कार्ड प्रिंसिपल नहीं देगी ।
जहर खाने के बाद अपने कमरे में बेसुध पड़ा था छात्र
इसी से परेशान होकर दीपक नाम का एक लड़का पिछले कुछ दिनों में कई बार स्कूल जाकर आया , लेकिन प्रिंसिपल ने उसे एडमिट कार्ड नहीं दिया। दीपक के पिता मुकेश ने बताया कि दीपक कुछ दिनों से परेशान था। हमने उससे कई बार पूछा लेकिन उसने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी । कल रात को वह अपने कमरे में बेहोश पड़ा था । उसके मुंह से झाग निकल रहे थे । नजदीक ही रहने वाले आरएलपी नेता आशीष की मदद से उसे तुरंत अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसकी सूचना अस्पताल से गंज थाना पुलिस को दी गई।
छात्र के पिता ने बयां किया अपने बेटे का दर्द
दीपक के पिता मुकेश ने पुलिस को बताया कि मैं भी दीपक के साथ प्रिंसिपल से मिलने गया था, लेकिन उन्होंने एडमिट कार्ड देने से साफ इनकार कर दिया। हमें लगा कि परीक्षा से पहले वे एडमिट कार्ड दे देंगे, लेकिन उन्होंने बच्चों के भविष्य की चिंता भी नहीं की। अगर बेटे को कुछ होता है तो उसका अंजाम पूरे स्कूल को भुगतना पड़ेगा । उधर इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रिंसिपल रचना शेखावत का कोई बयान अभी सामने नहीं आया है। लेकिन दीपक की हालत बेहद गंभीर है।
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