लोकेंद्र सिंह कालवी का जन्म मध्य राजस्थान के नागौर जिले के कालवी गांव में हुआ था। उनकीपढ़ाई अजमेर में पूर्व राजपरिवारों के पसंदीदा स्कूल मेयो कॉलेज से हुई थी। कालवी की हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी। एक बार चित्तौड़ में जौहर स्वाभिमान सम्मेलन में उन्होंने कहा था-मैंने अपने पिता से सीखा है, जो डर गया, वो मर गया। जो झुक गया, वह रह गया। जो जात का नहीं, वह अपने पिता और राष्ट्र का नहीं।