सार
उज्जैन में संदिग्ध साइलेंट कार्डियक अरेस्ट से 17 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 मार्च रंगपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा में शामिल होने के बाद इस लड़की मौत हो गई।
उज्जैन. देश में कार्डियक अरेस्ट का एक और चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। उज्जैन में संदिग्ध साइलेंट कार्डियक अरेस्ट से 17 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 मार्च रंगपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा में शामिल होने के बाद इस लड़की मौत हो गई। लड़के की पहचान मयंक के रूप में हुई है। वह महाकालेश्वर मंदिर के सहायक पुजारी के बेटे थे।pic.twitter.com/jaKR6K9pDw
पढ़िए आखिर हुआ क्या था?
पुलिस के मुताबिक, रंग पंचमी मनाने के लिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से विशाल शोभायात्रा निकाली गई थी। इसी दौरान यह घटना हुई। परिजनों ने बताया कि मयंक की तबीयत सुबह से ही ठीक नहीं चल रही थी। शाम को वे महाकालेश्वर मंदिर गए और जुलूस में शामिल होने से पहले कुछ पीया। जुलूस के एक वीडियो में मयंक को तलवार चलाते हुए दिखाया गया है। जुलूस में शामिल लोगों ने कहा कि मयंक बेचैन लग रहा था और उसकी तबीयत बिगड़ गई थी।
मयंक घर वापस गया और कुछ देर आराम किया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई। परिजन उसे अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों को आशंका है कि मयंक की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। बता दें कि साइलेंट हार्ट अटैक एक ऐसा मामला है, जिसमें पता तक नहीं चलता। यानी सीने में दर्द या सांस की तकलीफ जैसी समस्या भी नहीं होती।
रंगपंचमी के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर से हर साल ध्वज चल समारोह निकलता है। इसमें सिंहपुरी का रहने वाला मयंक भी शामिल हुआ था। मयंक 11वीं में पढ़ता था और पिता के साथ मंदिर में पूजा-पाठ का काम भी करता था। वह बास्केटबॉल का खिलाड़ी था। सामाजिक कार्यों में भी आगे रहता था।
करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी की भी मौत
इधर, करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी (Lokendra Singh Kalvi) का भी सोमवार देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) के डॉक्टर्स ने रात करीब 2 बजे इसकी पुष्टि की। क्लिक करके पढ़ें पूरी खबर
CPR से बच सकती है जान
हार्ट स्पेशलिस्ट मानते हैं कि यदि तत्काल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया जाए, तो जान बचाई जा सकती है। हाल ही में, ऐसे कुछ उदाहरण सामने आए हैं जिनमें कई लोगों को कार्डियक अरेस्ट या हार्ट फेलियर का सामना करना पड़ा है।
यह भी पढ़ें