
कोटा। कोटा में पढ़ने वाले युवाओं के सुसाइड के बढ़ते मामलों को लेकर पूरा देश चिंता में है। देश भर से हर साल करीब दो लाख बच्चे कोटा में पढ़ने आते हैं। जिले में अचानक कोचिंग पढ़ने आने वाले छात्रों के सुसाइड के केस बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस, कोचिंग संचालक, सरकार सभी के प्रयास के बाद भी सुसाइड की घटनाएं हो रही हैं। इन सब घटनाओं के बीच भरतपुर के टेंट कारोबारी के बेटे की कहानी प्रेरणा देती है।
नीट की परीक्षा में दो बार हुए असफल
राजस्थान के भरतपुर जिले में रहने वाले टेंट कारोबारी के बेटे करण का एक छोटा सा रेस्टोरेंट और वह काफी तेजी से इसे आगे बढ़ा रहा है। करण का कहना है कि साल 2018 में 12वीं पास करने के बाद वह कोटा आया था। 2019 में उसने नीट की तैयारी शुरू की। दो बार प्रयास करने के बाद भी वह सफल नहीं हो सका। उसके बाद कोरोना आ गया और सब ठप हो गया। वैसे तो करण हार्ट स्पेशलिस्ट बनाना चाहते थे, लेकिन दो बार की असफलता और कोरोना ने उनका रास्ता बदल दिया।
पढ़ें. कोटा सुसाइड पर बोले गोविंद राम मेघवाल, छात्र पॉजिटिव अप्रोच रखें और बुरी संगत से दूर रहें
2022 में तनाव और डिप्रेशन के कारण बिगड़ी तबीयत
करण कोरोना के बाद फिर नीट की तैयारी में जुटे। साल 2022 में परीक्षा करीब आने पर तनाव और डिप्रेशन के कारण उसकी तबियत इतनी खराब हुई कि माता पिता को उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया। उसके बाद करण के पिता ने कहा कि पढ़ाई से जरूरी तुम हो, अपना ध्यार रखो। चाहो तो कुछ और काम कर सकते हो। करण को आइडिया पसंद आया।
पढ़ें. कोटा में कैसे रुकेगा छात्रों का सुसाइड, एक्सपर्ट ने बताया फॉर्मूला
टिफिन सेंटर का बिजनेस स्टार्ट किया
करण ने अपने कुछ रिश्तेदारों की मदद से टिफिन सेंटर खोला और अब ये टिफिन सेंटर अच्छा चल रहा है। उसने ऑन लाइन रेस्तरां भी खोला है जो ऑनलाइन फूड एप से जुड़ा हुआ है। करण के साथ दस से बारह लड़कों का स्टाफ भी काम कर रहा है। करण का कहना है कि डॉक्टर नहीं बन सका इसका थोड़ा मलाल तो है लेकिन अब जो कर रहा हूं उससे भी सैटिस्फाइड हूं।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।