अगर इरादा मजबूत हो तो दिव्यांग भी पहाड़ लांग सकता है। कुछ ऐसी ही कर दिखाया है राजस्थान के एक ब्लाइंड स्टूडेंट ने, जिसने 12वीं क्लास में टॉप किया है। वह देख नहीं सकता है, लेकिन सिर्फ सुनकर ही यह कमाल कर दिया। वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहता है।
जयपपुर. राजस्थान में लक्ष्य हासिल करने के लिए युवा क्या कुछ नहीं करते। चाहे उनके पास कोई सुविधा हो या नहीं लेकिन वह उस लक्ष्य को पाने के लिए दिन रात मेहनत में लगे रहते हैं। ऐसे ही एक स्टूडेंट हैं विष्णु उपाध्याय, जिनके पहले दसवीं क्लास में 95.33 प्रतिशत आए थे और इस बार 12वीं आर्ट्स में वह 93% अंक लेकर आए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विष्णु को आंखों से दिखता नहीं है, फिर भी इतिहास रच दिया।
होनहार छात्र को बचपन से ही नहीं दिखता…
विष्णु का कहना है कि वह किसी पर कभी भी बोझ नहीं बनना चाहता। वह खुद का काम खुद करना चाहता है। विष्णु को बचपन से दिखता नहीं था। घर वालों ने उसकी काफी इलाज करवाया लेकिन कोई भी रिजल्ट नहीं निकला।
ब्रेल लिपि पढ़ते हैं विष्णु
विष्णु ने ब्रेल लिपि से ही अपनी पढ़ाई जारी रखी और लगातार पढ़ाई में लग रहे। इनके पिता जसराज एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करते हैं। विष्णु ने हिंदी,इंग्लिश, पॉलिटिकल साइंस,हिस्ट्री और हिंदी साहित्य में 90 अंक से ज्यादा हासिल किए हैं।
जुनून है आईएएस अफसर बनने का
वहीं उनकी माता कमला का कहना है कि बेटे ने जो भी कुछ किया है वह अपने दम पर किया है। हालांकि हमने बेटे को सपोर्ट किया लेकिन बेटे का पढ़ने का जुनून खुद का रहा। विष्णु का बचपन से ही सपना है कि वह एक आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं।
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