अश्विनी के पिता मुकेश मजदूरी का काम करते हैं। मुकेश के लिए संभव नहीं था कि वह अपनी बेटी को कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग दिलवा सके, ऐसे में बेटी ने घर में ही दांव आजमाना शुरू किया। जो प्रैक्टिस खिलाड़ी किसी बड़े सेंटर में करते हैं वैसी ही प्रैक्टिस अश्विनी ने घर में की।