राजस्थान के करौली जिले से बैंक में हुए फर्जीवाड़े का अनोखा मामला आया है। जहां बैंक के मैनेंजर और कैशियर ने मिलकर ग्रहाकों का पैसा निकाला, और इस पैसे को सट्टे में लगा दिया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
करौली (राजस्थान). सट्टे की लत में आदमी न जाने क्या कर लेता है कभी खुद के मकान को बेच देता है तो कभी आत्महत्या जैसे कदम उठा लेता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान के करौली जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां सट्टे की लत लगने के बाद बैंक में काम करने वाले एक कैशियर ने बैंक के ही 41 लाख रुपए गायब कर दिए। जब मैनेजर को इस बात का पता चला तो उन्होंने अब कैशियर और उसके दो साथियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया। जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया है। इन लोगों ने कुछ पैसा क्रिकेट में भी लगाया है।
जानिए कैसे बैंक का फर्जीवाड़ा हुआ उजागर
जानकारी के मुताबिक करौली जिले के हिंडौन सिटी कस्बे में स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में बीते दिनों जब 1 अक्टूबर को मैनेजर जितेंद्र मीणा ने नगदी की जांच की तो 41 लाख कम मिले। जब उन्होंने मामले में कैशियर जगदेव और काम करने वाले बाबू प्रेमराज से पूछताछ की तो दोनों ने कहा कि शाम तक नगदी आ जाएगी लेकिन शाम तक कोई भी रुपया वापस नहीं आया। इसके बाद मैनेजर ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिखा सारा सच
जब पुलिस ने बैंक परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की तो सामने आया कि जगदेव और प्रेमराज कई बार रुपए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त दोनों ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि सपोटरा के रहने वाले अजय कुमार के जरिए उन्हें सैफरन एक्सचेंज ऑनलाइन सट्टा ऐप के बारे में पता चला। जिसके लालच में आकर ही उन्होंने रुपए उसमें लगा दिए। फिलहाल पुलिस ने अब मामले में जगदेवएप्रेमराज और अजय तीनों को ही गिरफ्तार कर लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। प्रेमराज और जगदेव दोनों बैंक से नगदी रुपए ले जाने के बाद अजय को ले जाकर देते और फिर अजय वह राशि ऑनलाइन से टाइप में डाल देता जिससे कि जगदेव और प्रेमराज सट्टा खेलते। फिलहाल अब दोनों के परिवार ही बैंक में से निकल गई राशि जमा करवाएंगे।
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