
भरतपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले से सनातन का अद्भुत नजारा देखने को मिला है। भरतपुर जिले में एक बंदर की मौत के बाद पूरा गांव रोया और उसके बाद गाजे बाजे के साथ बंदर की अंतिम यात्रा निकाली गई । इसमें गांव के लोग शामिल हुए । अब बंदर का स्मारक बनाने की तैयारी की जा रही है।
बंदर के लिए दिए थे गद्दे-रजाई
दरअसल भरतपुर जिले के वैर कस्बे में स्थित भरतपुर गेट के नजदीक एक गांव में आज एक बंदर की मौत हो गई । स्थानीय लोगों का कहना था बंदर कुछ समय से बीमार चल रहा था और बुजुर्ग भी था । हालांकि ग्रामीण उसका इलाज भी कर रहे थे और उसके लिए रजाई गद्दे का बंदोबस्त भी किया गया था । लेकिन आज सवेरे बंदर और ज्यादा बीमार हुआ । उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई , लेकिन दोपहर तक उसकी जान चली गई।
एक बंदर के लिए इतना स्नेह-रो पड़ा पूरा गांव
गांव में रहने वाले बबलू शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म में बंदर को हनुमान की उपाधि दी गई है। गांव में इस तरह का पहला ही मामला सामने आया है, जब एक बंदर की मौत पर गांव रो रहा है । आज दोपहर में बंदर का अंतिम संस्कार किया गया है। अंतिम संस्कार से पहले बंदर की शव यात्रा बजे के साथ निकाली गई है।
बंदर ने भी अपनी पूरी उम्र पाकर गया ऊपर
ग्रामीणों ने कहा कि जब कोई बुजुर्ग व्यक्ति अपनी उम्र पूरी करने के बाद मृत्यु को प्राप्त होता है तो उनके सम्मान में गाजे बाजे के साथ उनके शव यात्रा निकाली जाती है । बंदर ने भी अपनी पूरी उम्र पाई है । इसी कारण बुजुर्ग के नाते बंदर की भी शव यात्रा गाजे बाजे से के साथ निकाली गई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी भरतपुर जिले के ही रहने वाले हैं । भरतपुर के विधानसभा क्षेत्र में उनका गांव है । गांव का नाम अटारी है ।
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