अयोध्या के राम मंदिर में रामलला आठ फीट ऊंचे सोने के सिंहासन पर विराजमान होंगे। इसे राजस्थान के कारीगर तैयार कर रहे हैं। यह सिंहासन 15 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा।
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर (Ayodhya Ram Temple) का काम अंतिम चरण में है। अगले साल से यहां भक्तों को प्रभू श्री राम के दर्शन होंगे।
मंदिर में रामलला आठ फीट ऊंचे सोने के सिंहासन पर विराजमान होंगे। इसके लिए राजस्थान के कारीगर संगमरमर का सिंहासन बना रहे हैं। इसपर सोना चढ़ाया जाएगा। सिंहासन की लंबाई तीन फीट और चौड़ाई चार फीट होगी। यह सिंहासन 15 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि सिंहासन को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा।
दान में मिले हैं बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के सामान
अनिल मिश्रा ने कहा कि भगवान राम के भक्तों ने बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के सामान दान दिए हैं। सोने-चांदी के इन सामानों, सिक्को और ईटों को गलाया जाएगा। दान में मिले सामान को सुरक्षित रखने में बड़ी परेशानी आ रही है। सोने-चांदी के सामानों को गलाकर ठोस ब्लॉक बनाए जाएंगे। यह काम प्रतिष्ठित संगठन के मार्गदर्शन में किया जाएगा।
तेज किया गया मंदिर का निर्माण कार्य
मिश्रा ने कहा कि भव्य अभिषेक समारोह की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है। हमें तय वक्त में काम पूरा करना है। जरूरत के अनुसार श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। हर हाल में 15 दिसंबर से पहले राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का निर्माण कार्य पूरा कर लेना है।
अनिल मिश्रा ने कहा कि फर्स्ट फ्लोर का काम 80 फीसदी पूरा हो गया है। गर्भगृह का निर्माण
पहले ही पूरा हो चुका है। परिक्रमा मार्ग की फ्लोरिंग का काम पूरा हो चुका है। गृह मंडप के फर्श पर संगमरमर बिछाने का काम चल रहा है।उन्होंने कहा कि भगवान राम का दर्शन करने आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए यात्री सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है। इनकी तीनों मंजिलों की छत का काम हो चुका है। प्रवेश द्वार पर सुरक्षा उपकरण लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर की बाहरी दीवार (परकोटा) भी अंतिम चरण में है। इसे नवंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम तल पर कुल 19 स्तंभों में से सत्रह स्थापित किए जा चुके हैं। उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक पहली मंजिल की छत भी बन जाएगी।