इस समय सारी दुनिया की नजर इजरायल-हमास युद्ध पर टिकी हुई है। दोनों तरह तनाव है। लेकिन इस तबाही के बावजूद इजरायल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के एक किसान के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहा है। मामला खेती-किसानी से जुड़ा है।
अलीगढ़. इस समय सारी दुनिया की नजर इजरायल-हमास युद्ध पर टिकी हुई है। दोनों तरह तनाव है। लेकिन इस तबाही के बावजूद इजरायल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के एक किसान के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहा है। मामला खेती-किसानी से जुड़ा है। अलीगढ़ का ये किसान इजरायल से मोटे अनाज यानी बजारा का बीज मंगाकर मालामाल हो गया है। पिछले तीन सालों से बाजरा की खेती कर रहा ये किसान खूब पैसा कमा रहा है। भारत में मोटे अनाज की खेती को सरकार प्रोत्साहित कर रही है।
इजरायल-हमास युद्ध और मोटे अनाज की खेती
इजरायल-हमास युद्ध ने दोनों पक्षों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। युद्ध अभी भी जारी है। लेकिन यूपी के अलीगढ़ के लोधा इलाके के रुस्तमपुर के रहने वाले किसान लव शर्मा का इजरायल ने मालामाल बना दिया है। लव शर्मा इजरायल ने मोटा अनाज यानी बाजरा का बीज मंगाकर खेती कर रहे हैं। वे पिछले तीन साल से बाजरा की खेती कर रहे हैं। शुरुआती दौर पर उन्होंने 46 बीघा खेत में बाजरा बोया था। एक बीघा में 22-24 मन फसल निकल रही है। लव कहते हैं कि भारतीय और इजरायली दोनों के बीज की लागत में कोई अंतर नहीं है, लेकिन देसी बीज से एक बीघा में सिर्फ 6-7 मन फैसल पैदा होती है। यानी इजरायल का बीज मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है।
भारत में मोटे अनाज की खेती और मोदी सरकार
भारत में मोटे अनाज की खेती को मोदी सरकार लगातार प्रोत्साहित कर रही है। 31 अक्टूबर को क्वारसी कृषि फार्म में आयोजित मिलेट्स महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे लव शर्मा ने इजरायली बाजरा के बारे में बताया। उन्हें सुनने बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। लव शर्मा ने बताया कि देसी बीज में सिर्फ 1-2 फीट लंबी बाजरे की बाली निकलती है, जबकि इजरायली बीज से 5 फीट लंबी बाली पैदा होती है। बता दें कि मोटे अनाज की भारत में तेजी से डिमांड बढ़ रही है।
यह भी पढ़ें
UP के पीलीभीत में खुदाई में मिली भगवान विष्णु की दुर्लभ मूर्ति