
वाराणसी। राजनीतिक गलियारों में शुक्रवार का दिन अचानक गर्म हो उठा। जैसे किसी शांत कमरे में तेज हवा का झोंका आ जाए, ठीक उसी तरह टीएमसी से निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद की नींव रखने’ के दावे ने राष्ट्रीय बहस को झकझोर दिया। इसी मुद्दे पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे न सिर्फ भारत विरोधी सोच का प्रतिबिंब बताया, बल्कि आतंकवादी मानसिकता की उपज करार दिया।
अनिल राजभर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इस तरह की गतिविधियों पर कोई कार्रवाई न होना गंभीर चिंता का विषय है। उनका कहना था कि जिस तरह वहां की सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है, उससे ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं लगतीं। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि आने वाले चुनावों में यदि वहां भाजपा की सरकार बनती है, तो ऐसी सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसकी मिसाल आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।
राजभर ने आरोप लगाया कि कुछ लोग कभी भारत को अपना मानते ही नहीं हैं, इसलिए देश के खिलाफ साजिशों में शामिल रहते हैं। उनकी कोशिश हमेशा यही रहती है कि देश में अस्थिरता पैदा हो और विकास की गति बाधित हो। पश्चिम बंगाल में ऐसी मानसिकता का यह ताजा उदाहरण बताया गया।
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मंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कफ सिरप मामले पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि STF पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कर रही है। चाहे व्यक्ति कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, उत्तर प्रदेश सरकार उसे कानून के दायरे में लाकर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने दावा किया कि जांच के बाद ऐसी कार्यवाही होगी जो पूरे देश के लिए एक नजीर साबित होगी।
जब उनसे पूछा गया कि कफ सिरप मामले पर अखिलेश यादव के बयान को वह कैसे देखते हैं, तो अनिल राजभर ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी बिना सिर-पैर की बात करती है और जल्दबाजी में माहौल बनाने की कोशिश करती है। राजभर ने कहा कि एजेंसियां लगातार जांच कर रही हैं, इसलिए बिना तथ्यों के बयान देना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दोषियों पर बुलडोजर ही नहीं, उससे भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि यह यादगार सबक बन सके।
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