यूपी के आगरा में बांग्लादेशी नागरिकों की धरपकड़ को लेकर पुलिस की ओर से अभियान जारी है। इस बीच कई संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है। पुलिस तमाम बस्तियों में जाकर यह अभियान चला रही है।
आगरा: जनपद में बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद लगातार छापेमारी जारी है। इसी कड़ी में बुधवार को भी बाहरी बस्तियों में रहने वाले संदिग्धों का सत्यापन किया गया। इन लोगों के आधार, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य दस्तावेजों की जांच की गई। इस बीच 6 लोगों को पकड़ा भी गया है। शुरुआती जांच के बाद इनमें से एक युवक के बांग्लादेशी होने को लेकर आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर जांच एजेंसियां पड़ताल में जुटी हुई है।
जमानत पर छूटने के बाद भी आगरा में रह रहे लोग
सिकंदरा पुलिस के द्वारा 2018 में पकड़े गए बांग्लादेशी गाजी और उसके बेटे समेत आधार दर्जन लोगों से भी पूछताछ की। उसे रूनकता में पकड़ा गया था। मौजूदा समय में वह जमानत पर बाहर है। पुलिस ने सेक्टर-14 में अवैध रूप से रह रहे 32 लोगों से पूछताछ की। इसमें कई बाल अपचारी भी शामिल थे। इसके बाद से लगातार बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर छानबीन जारी है। ज्ञात हो कि पहले भी पकड़े गए कई बांग्लादेशी नागरिक जमानत पर छूटने के बाद से आगरा में ही रहने लगे हैं।
मुकदमा लंबित होने के चलते नहीं छोड़ सका देश
सईद उल गाजी और उसके बेटा जो कि रुनकता बस्ती का निवासी है उसे भी बुधवार को पकड़ा गया। उसके बेटे, पत्नी समेत छह बांग्लादेशी नागरिकों को 12 अक्टूबर 2018 को जेल भेजा गया था। एक साल तक वह जेल में रहा और बाद में हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई। पुलिस ने उसे सत्यापन के लिए बुलाया। पता लगा कि गाजी परिवार के साथ ही रुनकता में रह रहा है। मुकदमा लंबित होने के चलते वह देश नहीं छोड़ सका। गाजी को अदालत में पेशी पर भी जाना होता है। पुलिस ने कहा कि अगर वह डिपोर्ट कर दिया गया तो उसे कैसे पकड़कर लाया जाएगा। इसी कानूनी कार्यवाही के चलते वह परिवार के साथ यहां रह रहा है। रुनकता में उसकी संपत्ति भी है। उसके पास पक्का मकान और दो गाड़ियां है। मौजूदा समय में वह कबाड़ का काम कर रहा है।
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