फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर शव लेने के मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले में प्रेमी समेत दो लोगों की तलाश जारी है। सभी के द्वारा पुलिस को गुमराह किया गया था।
बरेली: रामगंगा नगर कॉलोनी से कथिततौर पर अगवा हुई लड़की की दिल्ली में मौत के बाद शव लेने के लिए बड़ा चकमा दिए जाने का मामला सामने आया। लड़की के प्रेमी ने अपने माता-पिता और बहन-बहनोई को लड़की के परिजन के तौर पर पेश कर दिया। हालांकि जब इस मामले का खुलासा हुआ तो चारों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। वहीं मामले में प्रेमी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख की प्रधान पत्नी की तलाश को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है।
4 लोगों की हुई गिरफ्तारी, अन्य की तलाश जारी
आपको बता दें कि रामगंगा नगर कॉलोनी की रहने वाली अलीशा को पड़ोसी युवक शिवा पिछले साल मई 2022 में लेकर गया था। उस दौरान लड़की के परिजनों की ओर से रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। वहीं अब मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इन चार लोगों में अलीगंज के सूदनपुर गांव के रहने वाले भगवान दास, मां मीना देवी, बिशारतगंज के नंदगांव के रहने वाले बहनोई रमशे और बहन आशा का नाम शामिल है। वहीं पूर्व ब्लॉक प्रमुख की प्रधान पत्नी मिथलेश और प्रेमी शिवा की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
झूठा प्रमाणपत्र बनवाकर लिया गया था शव
मामले में पुलिस की ओर से जानकारी दी गई कि शिवार 11 माह पहले अलीना को लेकर हिमाचल भाग गया था। वहां पर उसने अलीना का नाम अंशिका रखकर उससे शादी कर ली। हालांकि बाद में जब अलीना की तबीयत बिगड़ी से वह उसे लेकर इलाज के लिए दिल्ली आया। यहां 30 जुलाई 200 को नई दिल्ली स्टेशन पर उतरते ही अलीना बेहोश हो गयी और जीआरपी ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां डॉक्टरों के द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद कोई भी पहचान पत्र न होने पर शव शिवा को देने से इंकार कर दिया गया। कहा गया कि अलीना का शव उसके माता पिता को ही दिया जाएघा। इसके बाद शिवा ने इस बारे में अपने परिजनों को जानकारी दी और वह अंशिका के माता-पिता होने का प्रमाणपत्र बनवाकर शव लेने के लिए पहुंचे। दिल्ली में उसका शव लेकर वहीं अंतिम संस्कार करवा दिया गया।