
लखनऊ. सीपीआई(माओवादी) फंडिंग मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) ने 5 सितंबर को उत्तर प्रदेश में बड़ी छापेमारी की है। NIA प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, आज़मगढ़ और देवरिया जिलों में आठ स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
यूपी में नक्सली गतिविधियां-एनआईए की छापेामारी
यूपी में नक्सली कनेक्शन को लेकर कई जिलों में एनआईए द्वारा तलाशी ली जा रही है। मंगलवार सुबह से ही इन जिलों में एनआईए की टीम पहुंच गई थी। युवाओं को झांसे में लेकर नक्सली गतिविधियों में शामिल करने के लगातार मामले सामने आए हैं
सूत्रों के अनुसार, वाराणसी में एनआईए की टीम ने महामानपुर कॉलोनी स्थित एक घर पर दबिश दी। NIA की टीम यहां एक छात्र संगठन से जुड़ीं 2 लड़कियों से पूछताछ कर रही है। जहां-जहां एनआई की छापेमारी चल रही है, उसके आसपास के इलाके सील कर दिए गए हैं। लोगों को आने-जाने से रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि यूपी में नक्सली गतिविधियों के लिए फंडिंग के एक केस की पड़ताल में यह छापेमारी की गई। वाराणसी में BHU के छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा (BCM) की ऑफिस में छापा मारा गया है। यहां से 2 छात्राओं को हिरासत में लिया गया है।
UP में NIA की छापेमारी क्यों, क्या है केस नंबर RC-01/2023/NIA/LKW
एनआईए का प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, आज़मगढ़ और देवरिया जिलों में यह ऑपरेशन केस नंबर आरसी-01/2023 से संबंधित है। यह ऑपरेशन 18 अगस्त को बिहार में NIA द्वारा की गई छापेमारी के बाद का अपडेट है। 18 अगस्त को एनआईए ने बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, सारण, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों में कई स्थानों पर छापा मारा था। इन छापों का मकसद सीपीआई (एम) से जुड़े कनेक्शन को खंगालना था। एनआईए नेपश्चिम चंपारण जिले के बरियाकला गांव के पास एक वन क्षेत्र में दफन दो एके -47 राइफल, पांच मैगजीन और 460 राउंड गोला बारूद की जब्ती की जांच कर रही थी।
कौन है माओवादी स्वयंभू कमांडर रामबाबू पासवान?
NIA ने राम बाबू उर्फ 'राजन' को अरेस्ट किया था। इसकी पहचान सीपीआई (माओवादी) के स्वयंभू जोनल कमांडर के रूप में की जाती है। यह प्रतिबंधित संगठन का सक्रिय कैडर हैं। राज्य पुलिस ने 4 मई को उसे हिरासत में लिया था। अभी वो और एक अन्य नक्सली न्यायिक हिरासत में है।
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