
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में आयोजित सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 के समापन समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण दिया है।
उन्होंने बताया कि अब यूपी फियरलेस बिजनेस का केंद्र बन चुका है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी अग्रणी है और अब "ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस" इसकी नई पहचान बन चुकी है। व्यवसाय के लिए सुरक्षा, सुविधा और मजबूत इकोसिस्टम जरूरी हैं, और यह तीनों आज यूपी में मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिर्फ नीतियां नहीं बना रही, बल्कि युवाओं, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के विचारों को पंख दे रही है। हर योग्य स्टार्टअप के साथ सरकार खड़ी है। उन्होंने कहा-
हर शोध उत्पाद बने, हर उत्पाद उद्योग बने और हर उद्योग भारत की शक्ति बने। यही विकसित भारत और विकसित यूपी का मंत्र है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह कॉन्क्लेव आयोजित हुआ। उन्होंने बताया कि एनबीआरआई, सीडीआरआई, आईआईटीआर और सीमैप के निदेशकों ने भविष्य की योजनाएं प्रस्तुत कीं। योगी जी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक में जितना निवेश होगा, समाज उतना ही प्रगतिशील बनेगा और वही देश आगे बढ़कर दुनिया का नेतृत्व करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ा है। आज भारत में 1.90 लाख स्टार्टअप हैं और हम अमेरिका व ब्रिटेन के बाद तीसरे स्थान पर हैं।
उत्तर प्रदेश में 17 हजार से ज्यादा स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें 8 यूनिकॉर्न शामिल हैं। प्रदेश में 72 इनक्यूबेटर्स और 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित हो चुके हैं। स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 137 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है।
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उन्होंने बताया कि हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, बायोटेक, ब्यूटी और एन्वायरनमेंट जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
पहले अनुसंधान प्रयोगशालाओं तक सीमित था, लेकिन अब "लैब टू लैंड" और "लैब टू इंडस्ट्री" की दिशा में काम हो रहा है। यही सहयोगी भावना स्टार्टअप्स को बाजार से जोड़ेगी और उनकी सफलता सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी आज ग्लोबल टेक और इनोवेशन हब बन रहा है। उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि पारंपरिक उद्योगों और एमएसएमई को तकनीक, डिजाइन, पैकेजिंग और मार्केट से जोड़ा गया है। इसका परिणाम है कि आज यूपी से 2 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक निर्यात हो रहा है। 2017 से पहले युवाओं और श्रमिकों का पलायन होता था, लेकिन अब 96 लाख एमएसएमई इकाइयों में 2 करोड़ लोग रोजगार पा रहे हैं। प्रदेश के 75 जिलों के 77 उत्पादों को जीआई टैग मिला है, जिससे उनकी वैश्विक मांग बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने चारों केंद्रीय प्रयोगशालाओं की सराहना की:
दो दिवसीय इस कॉन्क्लेव ने उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊर्जा दी। इस दौरान कई एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और अनेक स्टार्टअप्स ने अपने उत्पाद लॉन्च किए।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लखनऊ भी स्टार्टअप्स के मामले में हैदराबाद और दक्षिण भारत की तरह बड़ा केंद्र बन सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग और मार्गदर्शन की सराहना की। उन्होंने बताया कि:
इस अवसर पर देशभर से वैज्ञानिक, उद्योगपति, सीईओ, वीसी, अकादमिक संस्थानों के प्रमुख, प्रगतिशील किसान और अन्य स्टेकहोल्डर्स मौजूद रहे।
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