देवरिया हत्याकांड से बवाल: क्या दबंग प्रेम यादव पर पुलिस की मेहरबानी से हुआ ये नरसंहार?

Published : Oct 05, 2023, 09:02 AM ISTUpdated : Oct 05, 2023, 09:03 AM IST
Deoria massacre

सार

उत्तर प्रदेश के देवरिया में जमीनी विवाद में 6 लोगों की हत्या को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। जिस दबंग प्रेम यादव की हत्या के बाद उसके समर्थकों ने एक ही फैमिली के 5 लोगों को घर में घुसकर मार डाला, उसकी दबंगई जगजाहिर थी।  

देवरिया. उत्तर प्रदेश के देवरिया में जमीनी विवाद में 6 लोगों की हत्या को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। जिस दबंग प्रेम यादव की हत्या के बाद उसके समर्थकों ने एक ही फैमिली के 5 लोगों को घर में घुसकर मार डाला, उसकी दबंगई जगजाहिर थी। पुलिस ये बात जानती थी कि दोनों पक्षों में कभी भी खूनी खेल हो सकता है, बावजूद उसने लापरवाही बरती।

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1.देवरिया की रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर की सुबह सत्यप्रकाश दुबे सहित उसके परिवार के 5 लोगों की हत्या का मामला सुर्खियों में है।

2. दो अक्टूबर को गांव के प्रभावशाली व्यक्ति यानी पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की हत्या कर दी गई थी। इससे आक्रोशित उसके समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे की फैमिली पर हमला करके 5 लोगों को मार डाला था।

3.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमचंद्र उर्फ प्रेम यादव आपराधिक प्रवृत्ति का रहा है। 2020 में लॉकडाउन के बीच प्रेम और उसके भाई रामजी ने बंदूकों की नोंक पर सत्यप्रकाश दुबे के 4 एकड़ खेत में खड़ी फसल कटवा ली थी।

4. इस मामले में सिविल कोर्ट के स्थगन आदेश का तहसील प्रशासन और पुलिस ने पालन नहीं कराया। इस पर सत्यप्रकाश दुबे ने सिविल कोर्ट में अवमानना का केस लगाया था। 4 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी थी। अभी इसमें अगली तारीख 17 नवंबर है।

5. लेहड़ा टोले में हुए इस नरसंहार में मारे गए सत्यप्रकाश दुबे ने वर्ष 2014 में सिविल कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर प्रेमचंद यादव व रामजी यादव पर जबरन भूमि कब्जा करने का आरोप लगाया था।

6. जमीन के इसी विवाद में कोर्ट ने 6 अगस्त 2014 को स्थगन आदेश दिया था। मगर पुलिस और तहसील प्रशासन ने कोर्ट के फैसले को लागू कराने में लापरवाही बरती।

7. आरोप है कि 18 अप्रैल 2020 की रात को प्रेमचंद व उनके भाई ने हथियारों के बल पर रुद्रपुर कोतवाल की मौजूदगी में तीन लाख रुपये मूल्य का 150 क्विंटल गेहूं काट लिया था। इस पर सत्य प्रकाश ने सिविल जज के यहां अवमानना का वाद दाखिल किया था।

8. कोर्ट ने तत्कालीन एसडीएम ओमप्रकाश, प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार मौर्य, दबंग प्रेमचंद व रामजी यादव के विरुद्ध नोटिस जारी किया था।

9. बता दें कि प्रेम की हत्या से गुस्साई भीड़ ने सबसे पहले सत्यप्रकाश को गोली मारी। चाकू से सीने और चेहरे पर प्रहार किए। फिर पत्नी को मार डाला। 18 साल की बेटी सलोनी और 12 साल की बेटी नंदनी को भी इसी तरह मार डाला। सत्यप्रकाश के मंझले बेटे गांधी का 2 अक्टूबर को 15वां जन्मदिन था, हमलवारों ने उसे भी नहीं छोड़ा।

10.सत्यप्रकाश का बड़ा बेटा देवेश पूजा-पाठ करता है। वो बलिया जिले में भागवत कथा बांचने गया था। यह संयोग है कि इसी वजह से उसकी जान बच गई।

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