
फतेहपुर की ठंडी सुबह में अचानक उठे शोर ने पूरे जिले को झकझोर दिया। एक घर जहां शादी की तैयारियां चल रही थीं, वहां चीख-पुकार ने माहौल बदल दिया। एक नौजवान लेखपाल, जिसकी जिंदगी अगले ही दिन नए सफर पर निकलने वाली थी, उसने फंदा लगा लिया। अब मामला इतना गर्म हो गया है कि प्रशासन और परिजन आमने-सामने खड़े हैं, जबकि लेखपाल संघ सड़कों पर उतर आया है।
बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के खजुहा कस्बे में मंगलवार को लेखपाल सुधीर कुमार की आत्महत्या का मामला अब उबाल पर है। परिजन लगातार विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई और FIR की मांग कर रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि जांच के बाद ही आगे कदम उठाया जाएगा। तीन चरणों की प्रशासनिक वार्ता भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
देर रात DM रविन्द्र सिंह और SP अनूप कुमार सिंह मौके पर पहुंचे, परिजनों से बात की, लेकिन परिवार FIR दर्ज करने पर अड़ा रहा। आज सुबह से लेखपाल संघ ने ‘NO FIR, NO SIR’ के नारे के साथ मौके पर धरना शुरू कर दिया है। बिंदकी तहसील क्षेत्र के अधिवक्ता संघ ने भी लेखपाल संघ को समर्थन देते हुए काम-काज ठप करने का एलान कर दिया है।
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खजुहा निवासी 25 वर्षीय लेखपाल सुधीर कुमार कोरी की शादी 26 नवंबर को होने वाली थी। घर में हल्दी-मेहंदी से लेकर अन्य रस्में शुरू हो चुकी थीं। इसी बीच मंगलवार सुबह परिवार ने कमरे में सुधीर का शव फंदे से लटकता देखा। घर का उत्सव एक ही पल में मातम में बदल गया।
सुधीर जिले के जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में SIR का कार्य देख रहे थे। परिवार के अनुसार आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन संदेह विभागीय दबाव पर जा रहा है।
मौके पर पहुंचे एडीएम अविनाश त्रिपाठी, एसडीएम प्रियंका और कोतवाल हेमंत मिश्रा ने फोरेंसिक टीम के साथ जांच शुरू की। परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि कुछ अधिकारियों ने सुधीर को निलंबन की धमकी दी थी। परिवार का कहना है कि सुबह करीब छह बजे कानूनगो उनके घर आया और फीडिंग के लिए फॉर्म की गड्डी देकर चला गया। इसके थोड़ी देर बाद सुधीर ने कमरे में जाकर खुदकुशी कर ली।
सुबह करीब साढ़े सात बजे सुधीर को फंदे पर लटका देखा गया। सूचना मिलते ही लेखपाल संघ के दर्जनों पदाधिकारी और साथी मौके पर जुटने लगे। हर कोई इस मौत के पीछे की वजह जानने की कोशिश में है। माहौल शोक और आक्रोश दोनों से भरा हुआ है।
फिलहाल पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के आधार पर ही आत्महत्या की असली वजह सामने आएगी। परिजन FIR पर अड़े हुए हैं और लेखपाल संघ सड़क पर उतरकर न्याय की मांग कर रहा है। प्रशासन फिलहाल मौन है और जिले में तनाव का माहौल बना हुआ है।
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Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।
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