अयोध्या के राम मंदिर में PM मोदी ने 161 फीट ऊंचाई पर धर्म ध्वज फहराया। वैदिक मंत्रों, शंखनाद और घंटियों से परिसर गूंज उठा। रघुवंशी परंपरा वाला ध्वज विशेष प्रतीकों से सुसज्जित है। यह आयोजन मंदिर की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक गरिमा को उजागर करता है।
अयोध्या। मंगलवार को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर का वातावरण इतिहास में दर्ज होने वाला बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य शिखर पर 161 फीट की ऊंचाई पर धर्म ध्वज फहराया। यह ध्वजारोहण रामायण कालीन परंपरा का जीवंत प्रतीक बना।
शंखनाद, वैदिक मंत्र और घंटियों से गूंज उठा पूरा परिसर
अभिजीत मुहूर्त में जैसे ही ध्वजारोहण प्रक्रिया शुरू हुई, पूरे परिसर में शंखनाद, वैदिक मंत्रोच्चार और घंटियों की आवाज गूंज उठी। प्रधानमंत्री ने बटन दबाया और धर्म ध्वज धीरे-धीरे ऊपर उठने लगा। आधुनिक तकनीक और प्राचीन परंपरा का यह अद्भुत संगम देखने लायक था।
मोहन भागवत, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अनेक गणमान्य साक्षी बने
इस ऐतिहासिक पल के साक्षी रहे
- RSS प्रमुख मोहन भागवत
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी
ध्वज शिखर पर पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा व्यक्त की, जिससे पूरा वातावरण भक्ति और गौरव से भर गया।
धर्म ध्वजा से जुड़े पवित्र प्रतीक और विशेषताएं
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देवगिरी महाराज ने बताया कि धर्म ध्वजा रघुवंशी परंपरा के अनुसार तैयार की गई है और इसका आधार वाल्मीकि रामायण है। ध्वज में शामिल तीन पवित्र प्रतीक-
- सूर्य : सत्य, प्रकाश और धर्म का शाश्वत प्रतीक
- ॐ : अनादि-अनंत ब्रह्मांडीय ऊर्जा
- कोविदार वृक्ष : विजय और समृद्धि का संकेत
ध्वजा भगवा रंग में है, जो धर्म-संरक्षण, तपस्या और त्याग का प्रतीक माना जाता है।
ध्वजा और ध्वजदंड की माप व तकनीकी विशेषताएं
- ध्वजा की लंबाई: 22 फीट
- चौड़ाई: 11 फीट
- ध्वजदंड की ऊंचाई: 42 फीट (10 फीट भीतर, 32 फीट बाहर)
- ध्वज 360 डिग्री घूमने वाली विशेष चैंबर में स्थापित
- 60 किमी/घंटा की हवा की गति तक सहन करने की क्षमता
नागर शैली में निर्मित राम मंदिर की भव्य वास्तुकला
मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर नागर शैली की भव्यता को दर्शाता है। मुख्य विशेषताएं-
- लंबाई: 380 फीट
- चौड़ाई: 250 फीट
- तीन मंजिलें, हर मंजिल 20 फीट ऊंची
- कुल 392 स्तंभ और 44 प्रवेश द्वार
मंदिर परंपरा, कला और आस्था का यह अद्भुत संगम अब विश्व स्तर पर भारतीय विरासत का प्रतीक है।
प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा का पुनः अनुभव
ध्वजारोहण के दौरान "जय श्री राम" के गगनभेदी नारों से पूरा परिसर भक्तिमय हो उठा। यह वही आध्यात्मिक ऊर्जा थी जो 22 जनवरी 2024 की प्राण-प्रतिष्ठा के समय महसूस हुई थी। यह क्षण अयोध्या की सनातन पहचान, वैदिक परंपराओं और सांस्कृतिक चेतना को फिर एक बार उजागर कर गया।
ध्वज स्थापना के साथ श्री राम मंदिर आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत के रूप में विश्व मंच पर और अधिक प्रतिष्ठित हो गया है।


