उत्तरप्रदेश के हाथरस में जिस बाबा के यहां उमड़ी भीड़ हादसे का शिकार हुई है। उस बाबा की सच्चाई जानकार आप भी हैरान रह जाएंगे। कुछ समय पहले ही इन पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन्हें नौकरी से निकाला गया था।
हाथरस. हाथरस वाले बाबा घटना के बाद से ही फरार हैं। उन्हें पुलिस तलाश रही है। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि भोली भाली जनता जिसे भगवान का अवतार मानने लगी थी। लोग उनकी चरणों की धूल के दीवाने हो गए थे। उस पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। उन्हें नौकरी से भी निकाला गया था। हालांकि उन्होंने हरदम ये दावा किया कि उन्होंने वीआरएस लिया था। आईये जानते हैं यूपी के हाथरस हादसे में शुरू से लेकर खास बातें।
हाथरस हादसे का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोगों का कहना है कि सत्संग खत्म होने के बाद जैसे ही वो जाने लगा तो लोग खासकर महिलाएं पैर छूने के लिए टूट पड़ी, उन्हीं के पीछे भीड़ भी आ गई। जिससे हादसा हुआ है।
नारायण सरकार विश्वास हरि उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है।
सूरजपाल सिंह यूपी के कासंगज जिले के बाहदुर नगर के निवासी है।
नारायण सरकार उर्फ भोले बाबा की उम्र करीब 58 साल है। वह एक दलित परिवार से आते हैं।
सूरजपाल सिंह कुल तीन भाई हैं। जिनमें से सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है। बीच वाले सूरजपाल हैं और सबसे छोटा भाई राकेश सिंह गांव में रहता है।
यूपी के हाथरस में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में करीब 121 से अधिक लोगों की मौत हुई, दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार यूपी पुलिस में कांस्टेबल थे। बताया जा रहा है कि उन्हें नौकरी से निकाला गया था।
भोले बाबा का दावा है कि उन्हें निकाला नहीं गया था, उन्होंने खुद नौकरी छोड़ी थी।
नारायण सरकार उर्फ भोले बाबा के खिलाफ यौन शोषण सहित अन्य अपराधिक केस दर्ज हैं।
भोले बाबा ने दावा किया है कि वे इंटेलिजेंस ब्यूरों में काम करते थे।
सूरजपाल सिंह ने 1990 के करीब नौकरी छोड़ दी थी।
नारायण सरकार उर्फ भोले बाबा के बच्चे नहीं हैं। उनकी पत्नी को लोग माताश्री बोलते हैं।
सूरजपाल सिंह एक संपन्न परिवार से आते हैं। उनके पास गांव में भी बहुत सारी जमीन थी। जिसे उन्होंने ट्रस्ट के नाम कर दी थी।
सूरजपाल सिंह ने आज से करीब 5 साल पहले ही गांव छोड़ दिया था।
हाथरस हादसे पर यूपी के पूर्व डीजीपी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि इस घटना के पीछे स्थानीय प्रशासन की भी बड़ी चूक है।
उन्होंने कहा कि इतने बड़े कार्यक्रम में सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे, एंबुलेंस, पुलिस, अग्निशमन, मेडिकल कोई भी व्यवस्था नहीं थी।
डीजीपी ने कहा कि इतनी संख्या में मौते हुई हैं। इसकी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी किसकी है।
बाबा के खिलाफ छह अपराध दर्ज हैं जिसमें यौन शोषण का आरोप भी लगा है।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि हैरानी की बात है कि कोई भी बाबा का आंडबर ओढ़ कर आ जाता है। वह अपने आप को नारायण का अवतार बता रहा है। जिस पर खुद कई अपराधिक केस दर्ज है।
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