हाथरस हादसे की 10 दर्दनाक PHOTOS: रिक्शे में ढोनी पड़ी लाशें, आंखों के सामने अपनों की सांसें उखड़ते देखते रहे लोग
हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 150 से ज्यादा घायल हैं। हादसा इतना भयावह है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
Ganesh Mishra | Published : Jul 2, 2024 3:44 PM IST / Updated: Jul 03 2024, 03:07 PM IST
किसी ने ढोई अपनों की लाश तो कोई सांसें लौटाने के लिए देता रहा CPR
हाथरस से 47 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 150 से ज्यादा घायल हैं।
हाथरस में बढ़ सकता है मौतों का आंकड़ा
हादसा इतना भयावह है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। घायलों और शवों को रिक्शा में भरकर अस्पताल लाया गया। अस्पताल के बाहर अभी शव बिखरे पड़े हैं।
सिकंदराराऊ अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़
सिकंदराराऊ अस्पताल के बाहर लोग अपनों को देखने पहुंच रहे हैं। हॉस्पिटल के बाहर कई लाशें बिछी हुई हैं।
अपनों की लाशें देख बिलख पड़े लोग
बेटी के शव के पास रोता बुजुर्ग। दूसरी ओर टैंपो में लदी लाशों के बीच अपनी बेटी की डेडबॉडी के पास बिलखती एक महिला।
हाथरस हादसे में घायल शख्स
हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल के बाहर बदहवास मां
सिकंदराराऊ अस्पताल के बाहर बदहवास हालात में दिखे मृतकों और घायलों के परिजन। लोग अपनों को यहां-वहां तलाशते रहे।
अस्पताल के बाहर जहां-तहां बिखरे पड़े हैं शव
सिकंदराराऊ अस्पताल के बाहर जहां-तहां लाशें बिखरी पड़ी हैं। बता दें कि हाथरस के फुलरई गांव में नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ से लोग मरे।
मरने वालों में महिलाओं-बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा
हाथरस हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए हाथरस के अलावा, एटा, कासगंज, आगरा और अलीगढ़ भेजा जाएगा।
मरने वालों में हाथरस और आसपास के लोग
मरने वालों में हाथरस और उसके आसपास के जिलों जैसे चंदौसी, बदांयू के भी कई लोग शामिल हैं। इसके अलावा कुछ लोग राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली से भी पहुंचे थे।
क्यों मची भगदड़?
सत्संग खत्म होने के बाद लोग इकट्ठा बाहर जाने के लिए निकले। हॉल का दरवाजा छोटा था, जिससे पहले निकलने के चक्कर में कुछ लोग गिरे पड़े और भगदड़ मच गई।