
अनूप शुक्ला
गोरखपुर: पूर्वांचल के कद्दावर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। बता दें कि शिवप्रताप शुक्ला के राज्यपाल बनने की खबर मिलते ही उनके निवास पर शुभचिंतकों ने पहुंचना शुरू कर दिया। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री के गांव से लेकर महानगर स्थित आवास पर जमकर आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया। वहीं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद पर नियुक्त किए गए शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करने का प्रतिफल दिया गया है। उन दायित्वों का वह पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करने रहेंगे।
सीएम योगी ने खुलकर किया था विरोध
बता दें कि इस उपलब्धि के लिए उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन के सभी वरिष्ठ लोगों का शुक्रिया अदा किया। शिवप्रताप के संवैधानिक पद का सफर राम मंदिर आंदोलन के दौरान उपजी राम लहर में शुरू हुआ था। वह गोरखपुर सदर से वर्ष 1989, 1991, 1993, 1996 में विधायक चुने गए। इसी दौरान शिवप्रताप शुक्ला के यूपी के मंत्री भी बनें। लेकिन स्थितियों के बदलने के बाद हिंदुत्व के प्रमुख गढ़ गोरखनाथ मंदिर से मतभेद होने की बातें सामने आईं। वहीं वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ इनका खुलकर विरोध किया था।
ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं शिवप्रताप
वहीं जब शिवप्रताप बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे तो योगी ने इनके सामने हिंदू महासभा से राधा मोहन दास अग्रवाल को खड़ा कर जीत दिलाई थी। जिसके बाद से शिवप्रताप शुक्ला का सियासी खबर खत्म सा हो गया था। लेकिन पार्टी से इनकी प्रतिबद्धता के कारण वर्ष 2014 में मोदी सरकार आने पर वह केंद्र में वित्त राज्यमंत्री के अलावा राज्यसभा सदस्य बनें। शिवप्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बना कर भाजपा संगठन ने लोकसभा चुनाव 2024 में ब्राह्मण वोटों को भी अपनी ओर करने का प्रयास किया है। शिवप्रताप एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं और यूपी में कई लोकसभा ,विधानसभा सीटों पर ब्राह्मण वोट काफी निर्णायक भूमिका निभाते है।
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