कौन है विजय यादव उर्फ आनंद? जिसने लखनऊ कोर्ट में संजीव माहेश्वरी जीवा पर बरसाईं गोलियां, क्यों उतारा मौत के घाट...

पश्चिमी यूपी के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की विजय यादव उर्फ आनंद ने लखनऊ कचहरी परिसर में दनादन गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। अचानक कुख्यात माफिया की हत्या के बाद विजय यादव लाइम लाइट में आ गया।

लखनऊ। पश्चिमी यूपी के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की विजय यादव उर्फ आनंद ने लखनऊ कचहरी परिसर में दनादन गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। अचानक कुख्यात माफिया की हत्या के बाद विजय यादव लाइम लाइट में आ गया। जौनपुर के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला विजय यादव के घर पुलिस टीमें पहुंची और परिजनों के बयान दर्ज किए। उसका गांव आजमगढ़ की सीमा से लगा हुआ है।

संजीव जीवा की हत्या करने वाले विजय यादव की क्राइम कुंडली

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विजय यादव पर पहले से ही दो मुकदमें दर्ज है। एक केस साल 2016 में देवगांव कोतवाली में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुआ था, जबकि दूसरा मामला कोरोना महामारी के समय महामारी एक्ट का है। पहले मामले में वह एक नाबालिग को लेकर मुंबई भाग गया था। करीबन तीन महीने बाद वापस आया था और छह महीने जेल में भी रहा। बहरहाल, उस मुकदमे में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है।

महाराष्ट्र में काम करता था संजीव जीवा का मर्डर करने वाला विजय यादव

पुलिसिया पूछताछ में पता चला कि विजय यादव उर्फ आनंद पिछले दो साल से महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खपोली में पाइप की कंपनी में काम कर रहा था। उसके साथ गांव का ही एक मित्र कल्लू भी रहता था। बीते 12 मार्च को विजय यादव वहां से नौकरी छोड़कर अपने गांव आ गया और आसपास नौकरी की तलाश करने लगा।

संजीव जीवा की हत्या करने वाला विजय लखनऊ में रह रहा था

उसके परिजनों ने बताया कि वह लखनऊ की किसी पाइप कंपनी में काम कर रहा था और लखनऊ में रह भी रहा था। विजय यादव 11 मई को केराकत किसी शादी समारोह में गया था और अगले दिन वहीं से निकल गया। परिजनों का कहना है कि उसका मोबाइल कहीं खो गया था। इसकी वजह से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था। विजय के खिलाफ पहले से जो दो केस दर्ज हैं, उनमें से कोई जघन्य अपराध के नही हैं। अब गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के मर्डर में उसका नाम सामने आया है।

क्या एसआईटी संजीव जीवा मर्डर केस से उठाएगी पर्दा?

बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि विजय यादव उर्फ आनन्द के खिलाफ पहले से कोई जघन्य आपराधिक हिस्ट्री नहीं है और न ही उसका संजीव जीवा से कोई सीधी रंजिश सामने आई है तो क्या उसे मोहरा बनाकर संजीव जीवा को रास्ते से हटाया गया? अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, विजय यादव का संजीव जीवा से कोई कनेक्शन पता नहीं चला है। इसी वजह से आशंका जताई जा रही है कि हत्या के पीछे किसी उंची पहुंच वाले शख्स का हाथ है। क्या एसआईटी का जांच में इस राज से पर्दा उठेगा? यह आने वाले 7 दिनों में साफ हो जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गैंगस्टर संजीव जीवा मर्डर केस की जांच के गठित एसआईटी को 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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