यूपी के कानपुर देहात की घटना ने सभी को झझकोर दिया है। दोपहर बाद डिप्टी सीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर हुई बातचीत के बाद परिजन शव उठाने के लिए राजी हुए। वहीं राज्यमंत्री समेत कई नेता भी मौके पर पहुंचे।
कानपुर: यूपी के कानपुर देहात में मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। बता दें कि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने यह घटना हुई। ग्राम समाज की जमीन से टीम कब्जा हटाने के लिए पहुंची थी। वहीं महिला और बेटी को बचाने में मकान-मालिक और रुरा थाना प्रभारी झुलस गए। मां-बेटी और कई बकरियों की मौत हो गई है। वहीं इस घटना ने सभी को झझकोर कर रख दिया है। वहीं उच्चाधिकारियों द्वारा परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन परिजन शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर रहे हैं। पीड़ित परिजन 5 करोड़ रुपए, बेटों को सरकारी नौकरी और आवास की मांग पर अड़े हैं।
फॉरेंसिक टीम ने उठाए शव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर हुई बातचीत के बाद परिजन शव उठाने के लिए राजी हुए। जिसके बाद फॉरेंसिक टीम ने शव उठाए। इस घटना में एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। मंडलायुक्त ने इसकी पुष्टि की है। मां-बेटी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने ट्वीट कर लिखा कि अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर अपनी जान दे दी और पुलिस मौके पर खड़ी तमाशा देखती रही। प्रशासन अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में अपने होश क्यों खो रहा है।
सीएम योगी को बुलाने की जिद पर अड़े परिजन
बता दें कि मृतकों के परिजन सीएम योगी को बुलाने की जिद पर अड़े हैं। सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे के नेतृत्व में डेलिगेशन भी कानपुर देहात पहुंचेगा। वहीं घटना की सूचना मिलने पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला समेत कई अन्य नेता मौके पर पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि राज्यमंत्री सीएम योगी के आदेश पर मौके पर पहुंची थीं। इसके अलावा जिलाध्यक्ष आम आदमी पार्टी विवेश यादव, जानकी घाट अयोध्या से महंत महेंद्रदास भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। बता दें कि सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को नजरबंद कर दिया गया है। साथ ही पीड़ित परिवार के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोका
बुलडोजर की कार्रवाई के विरोध में पीड़ित परिवार से संवेदना जताने जा रहे कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व मंत्री नकुल दुबे समेत कई कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने नवाबगंज टोल प्लाजा के पास रोक लिया है। कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि ऊपर से आदेश हैं ऐसा कहकर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें टोल प्लाजा के पास बैठा रखा है। उन्होंने कहा कि वह शांति पूर्वक पीड़ित परिवार के पास जा रहे थे। लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से उनको रोक रखा है।