नोएडा में स्पेशल-9 गैंग का खुलासा,जानें कैसे 1 दिन में 50 लोग को बनाते थे शिकार?

नोएडा में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले स्पेशल-9 गैंग का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी जॉब ऑफर के जरिए लोगों से पैसे ऐंठते थे।

sourav kumar | Published : Sep 9, 2024 9:45 AM IST

Noida Special-9 Scam: यूपी के नोएडा में स्पेशल-9 गैंग नाम के गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। ये लोग जॉब का लालच देकर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। जैसा कि स्पेशल-9 से ही समझ आ रहा है कि इनके गैंग में कुल 9 लोगो थे। ये लोग एक दिन में 50 से ज्यादा लोगों को टारगेट करते और मौका मिलते ही उनके साथ स्कैम कर लेते।  जिसमें ज्यादातर लड़कियां थी। इनकी संख्या 6 थी और बाकी के 3 पुरुष थे। इसका खुलासा तब हुआ जब प्रमोद नाम का शख्स काफी दिनों से नौकरी के लिए परेशान घूम रहा था। तभी अचानक उसके उसे एक कॉल आता है। सामने से आवाज आती है। मैं बियॉन्ड स्पार्क ओवरसीज कंपनी से बोल रहा हूं। हमारे पास जॉब ऑफर है। इसके लिए आपको 70 हजार जमा करने होंगे। इसके बाद नौकरी के लालच में प्रमोद ने किसी तरह सार रकम जोड़ कर भेज दिए। लेकिन काफी दिन बीत जाने के बाद उसे कोई कॉल नहीं आया।

प्रमोद हताश और परेशान होकर पुलिस के पास गया। जहां जाकर सारी घटना की जानकारी दे दी। इसके बाद पुलिस ने बीते शनिवार को एक्शन लिया और जल्द ही नोएडा सेक्टर-63 में जाकर ई-ब्लॉक में बियॉन्ड स्पार्क ओवरसीज नाम की कंपनी पर छापा मारा। यहां से उन्होंने कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया। जिनके नाम इस प्रकार है। दिपाली, प्रशंसा कुलश्रेष्ठ,  महिमा अग्रवाल, मनप्रीत कौर, ममता यादव, तनिष्का शर्मा, पंकज कुमार, सोनू कुमार और राहुल सरोज है। पुलिस ने मौके से 24 लैपटॉप, 1 एपल टैब, स्वाइप मशीन, पेमेंट क्यूआर कोड और 10 एंड्रॉयड फोन भी बरामद किए। घटना से जुड़ा वीडियो भी देख सकते हैं, जिसमें सारे समान को दिखाया गया है।

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स्पेशल-9 गिरोह कैसे करता था काम?

पुलिस ने जांच में पाया कि स्पेशल-9 गिरोह के मास्टरमाइंड पंकज और उसकी पत्नी मनप्रीत कौर थी। जिन्होंने अपने साथ 7 और लोगों को नौकरी पर रखे हुए थे। ये लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ऐसे लोगों की तलाश करते थे, जो नौकरी के लिए परेशान रहते थे। उनका डिटेल निकालते और फिर अपने काम को शातिर तरीके से अंजाम देते हैं। ये सबसे पहले शिकार से उसकी बेसिक जानकारी लेते। उन्हें अच्छी-खासी सैलरी का लालच देते। शुरू में 10 फीसदी पैसे लेने की बात करते और धीरे-धीरे फर्जी डॉक्यूमेंट जैसे आईकार्ड, ऑफर लेटर भेजते। जिससे टारगेट को यकीन होता की उन्हें सच में कोई नौकरी मिलने वाली है।

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