सूटकेस से पेपरलेस बजट तक की यात्रा में लगे 71 साल, आजादी के बाद 149 करोड़ रुपए से हुई थी शुरूआत, सुरेश खन्ना के नाम दर्ज होगा नया रिकॉर्ड

योगी सरकार बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर रही है। वहीं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना लगातार 7वीं बार बजट पेश कर रहे हैं। बता दें कि इस बार के बजट का आकार 7 लाख करोड़ रुपए के आसपास बताया जा रहा है।

Contributor Asianet | Published : Feb 22, 2023 6:15 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना लगातार 7वीं बार बजट पेश कर रहे हैं। बता दें कि यह इतिहास का सबसे बड़ा बजट होगा। वहीं पिछली बार की तरह इस बार भी सुरेश खन्ना के हाथ में कोई कागज नहीं बल्कि टैबलेट होगा। रजिस्टर से आज टैबलेट तक की इस बजट यात्रा यहां तक आने में 71 साल का समय लग गया। इस बजट का आकार 7 लाख करोड़ रुपए के आसपास बताया जा रहा है। सरकार इस बजट के जरिए हर वर्ग के लोगों को साधने की कोशिश में है। आइए जानते हैं बजट से जुड़ी 5 बड़े अपडेट

पेश किया जा रहा 71वां बजट

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पिछली बार यूपी में योगी सरकार के बनने के बाद 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए का बजट पेश किया गया था। योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी बजट 2021-22 में 5 लाख 50 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। ऐसे में उम्मीद है कि इस बाद बजट का आकार साढ़े 6 से 7 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। बता दें कि यह यूपी का 71वां बजट पेश होगा। आजादी के बाद 1952 में उस समय के मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने बजट पेश किया था।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने की नई शुरूआत

आजादी के बाद पहली बार 1951 में यूपी विधानसभा का चुनाव हुआ था। जिसमें कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। उस दौरान गोविंद बल्लभ पंत यूपी के पहले सीएम बने थे और तब 149 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था। पहला बजट पेश करने के दौरान चमड़े का बैग लेकर गोविंद बल्लभ पंत सदन में पहुंचे थे। वहीं लोकदल के चौधरी चरण सिंह 1970 में सीएम बने। तब इसमें थोड़ा बदलाव देखने को मिला और वह सूटकेस लेकर सदन पहुंचे थे। जिसके बाद से अभी तक सूटकेस लेकर बजट पेश किया जाता था। लेकिन साल 2022 में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यह रिवाज बंद कर पहली बार टैबलेट लेकर बजट पेश करने के लिए सदन में पहुंचे।

एनडी तिवारी ने सबसे ज्यादा बार पेश किया बजट

यूपी का बजट पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ने सबसे ज्यादा बार पेश किया है। तीन बार सीएम बनने के दौरान उन्होंने 4 बार बजट पेश किया। इसके बाद वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने 7 बार बजट पेश किया। कुल मिलाकर नारायण दत्त तिवारी ने 11 बार बजट पेश किया। वहीं वर्ष 2013 में उन्होंने बेटे के साथ कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। एनडी तिवारी के बाद सबसे ज्यादा बार नेताजी यानि की मुलायम सिंह यादव ने बजट पेश किया है। नेताजी ने 9 बार बजट पेश किया। वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने 5 बार, बसपा प्रमुख मायावती ने 4 बार बजट पेश किया। वहीं सुरेश खन्ना इस बार के बजट को मिलाकर 7वीं बार बजट पेश करने जा रहे हैं।

बजट बुक हुई बंद

आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट से पहले बजट बुक छपनी बंद हो गई। 1952 के पहले बजट से ही किताब छपवाने का नियम चला आ रहा था। इस किताब में बजट की पूरी जानकारी होती थी। इस किताब को बंद करवाने के पीछ का कारण यूपी बजट ऐप है। यह ऐप प्ले स्टोर पर है। इससे सभी को बजट संबंधी सारी जानकारी मिल जाती है। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 तक के बजट का पूरा डेटा आपको इस ऐप पर मिल जाएगा।

4 माह का लगता है समय

यूपी के भारी भरकम बजट को तैयार करने में करीब 4 माह का समय लग जाता है। इस बार बजट फरवरी में पेश हो रहा है तो अक्टूबर 2022 से इसकी तैयारी शुरू की जा चुकी थी। वहीं मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से बजट बनाने वाली टीम पूरी प्रक्रिया के इनपुट लिया करती है। इसे बनाना और पेश करने से पहले इंडस्ट्री ऑर्गेनाइजेशन और इंडस्ट्री के जानकारों से भी वित्त मंत्री द्वारा चर्चा की जाती है।

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