UP Budget 2023-24 Highlights: टैबलेट-स्मार्टफोन के लिए 3600 करोड़, जानिए 6.90 लाख करोड़ के बजट में क्या कुछ है खास
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट बुधवार 22 फरवरी को पेश किया। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने 6 लाख 90 हजार करोड़ का बजट पेश करते हुए प्रदेश सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी बताया।
Gaurav Shukla | Published : Feb 22, 2023 7:53 AM IST / Updated: Feb 22 2023, 05:52 PM IST
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने 6 लाख 90 हजार करोड़ का बजट पेश किया। सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में पेश होने जा रहा यह बजट नए उत्तर प्रदेश का बजट है। यह राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।
जानिए बजट पेश करने के दौरान कहीं गई मुख्य बातें
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वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व, प्रदेश की बेरोजगारी दर 14.4% थी, आज यह घटकर लगभग 4.2% हो गई है।
स्वामी विवेकानंद सशक्तीकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट व स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में ₹3,600 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्टअप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फण्ड के लिए ₹20 करोड़ प्रस्तावित।
कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत कार्य स्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में ₹05 लाख, स्थायी दिव्यांगता पर ₹04 लाख एवं आंशिक दिव्यांगता पर ₹03 लाख की सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन के लिए ₹401 करोड़, स्टेट डाटा सेन्टर के लिए ₹85 करोड़ 89 लाख और उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के लिए ₹60 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स कॉरिडोर परियोजना के लिए ₹550 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
झांसी लिंक एक्सप्रेस -वे और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के प्रारम्भिक चरण के लिए ₹235 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ गोरखपुर में औद्योगिक गलियारा विकसित किये जाने के लिए ₹200 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के लिए ₹150 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत प्रति लाभार्थी को ₹15 हजार तक की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ₹1,050 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन के लिए ₹12,631 करोड़ और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए ₹1,655 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के अंतर्गत प्रति लाभार्थी को ₹15,000 तक की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए ₹1050 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रदेश में 2.34 करोड़ से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं। इसके तहत लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष ₹05 लाख तक की निःशुल्क चिकित्सा दी जा रही है। इस योजना के लिए ₹ 400 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरुप वित्तीय वर्ष 2023-2024 में लगभग ₹407 करोड़ का व्यय किया जाएगा।
निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत वर्तमान में 32.62 लाख निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए बजट में ₹4,032 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
वित्तमंत्री 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक ₹1,96,000 करोड़ से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किए गए कुल गन्ना मूल्य भुगतान से ₹86,728 करोड़ अधिक है।
गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि किसानों की आय में औसतन ₹349 प्रति कुन्तल की दर से ₹34,656 प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
प्रदेश में अब तक 1.53 करोड़ से अधिक निर्माण श्रमिकों तथा 3,14,611 निर्माण स्थलों का पंजीकरण कराया जा चुका है।
दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान DBT के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी है।
प्रदेश सरकार द्वारा नई उप्र सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 के तहत करीब ₹5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है, जिससे करीब 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 1,00,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है।