MSME के दिन बदलेंगे! CM योगी का नया प्लान देगा उद्योगों को सुपरफास्ट सुविधा

Published : Nov 16, 2025, 01:00 PM IST
Yogi Adityanath

सार

सीएम योगी ने यूपी में औद्योगिक विकास तेज करने के लिए लैंड बैंक विस्तार, प्लग एंड प्ले मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग आधारित ली रेंटल नीति तैयार करने के निर्देश दिए। इससे एमएसएमई इकाइयों को जमीन खरीदने की झंझट के बिना तुरंत उत्पादन शुरू करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को तेज करने के लिए लैंड बैंक का विस्तार और एमएसएमई इकाइयों को त्वरित सुविधाएं देने के लिए प्लग एंड प्ले मॉडल लागू करने की जरूरत पर जोर दिया। शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराने हेतु रेवेन्यू शेयरिंग आधारित लीज़ रेंटल मॉडल को अपनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इसे उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति के लिए “बहुत उपयोगी” बताया और इसी आधार पर विस्तृत नीति बनाने के निर्देश दिए।

लैंड बैंक विस्तार पर सीएम का फोकस

बैठक के दौरान बताया गया कि राज्य में औद्योगिक भूमि की कीमतें अपेक्षाकृत ज्यादा हैं, खासकर एनसीआर से जुड़े जिलों में। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन की लागत उद्योगों के विस्तार, तकनीकी उन्नयन और नई इकाइयों की स्थापना में बड़ी बाधा बनती है। इसलिए एमएसएमई के लिए किफायती दरों पर छोटे भूखंड और तैयार औद्योगिक शेड उपलब्ध कराना जरूरी है।

एमएसएमई के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल क्यों जरूरी

  • मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्लग एंड प्ले मॉडल का उद्देश्य उद्योगों को जमीन खरीदने, निर्माण कराने और जटिल प्रक्रियाओं में समय व पैसा खर्च करने से मुक्त करना है।
  • इस मॉडल से उद्यमी सीधे उत्पादन, मशीनरी इंस्टॉलेशन और रोजगार सृजन पर ध्यान दे सकेंगे।

प्लग एंड प्ले मॉडल कैसे लागू होगा

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपनी भूमि पर तैयार औद्योगिक शेड विकसित करेंगे।
  • ये शेड उद्योगों को किराये पर दिए जाएंगे।
  • निर्माण कार्य प्राधिकरण खुद कर सकता है या पीपीपी मॉडल पर निजी क्षेत्र से करा सकता है।
  • उद्योगों को तुरंत उपयोग योग्य परिसर मिलेगा, जिससे व्यवसाय शुरू करना आसान होगा।
  • पीपीपी मोड और डीबीएफओटी संरचना का उपयोग
  • सीएम ने सुझाव दिया कि प्लग एंड प्ले परियोजना को DBFOT (Design, Build, Finance, Operate, Transfer) आधार पर लागू किया जा सकता है।
  • इसमें निजी क्षेत्र:
  • डिजाइन
  • निर्माण
  • वित्त
  • संचालन

करता है, जबकि भूमि का स्वामित्व और नियामकीय नियंत्रण प्राधिकरण के पास ही रहता है।

रेवेन्यू शेयरिंग आधारित लीज रेंटल नीति के फायदे

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मॉडल राज्य के लिए दीर्घकालिक तौर पर लाभकारी होगा।
  • प्राधिकरण को स्थायी आय मिल सकेगी।
  • उद्यमियों को बिना भूमि खरीद के चरणबद्ध तरीके से उद्योग बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
  • एमएसएमई का वित्तीय जोखिम कम होगा और व्यवसाय चलाने में लचीलापन बढ़ेगा।

राज्य की भूमि संपदा का बेहतर उपयोग होगा

  • मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नई नीति में उद्योग को दीर्घकालिक स्थिरता और स्पष्टता मिले, जबकि जमीन का नियंत्रण सरकार के पास सुरक्षित रहे।
  • रेवेन्यू शेयरिंग नियम सरल, पारदर्शी और उद्योग हित में होना चाहिए ताकि राज्य की भूमि संपदा का अधिकतम उपयोग हो सके।

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