उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड में होंगे जरूरी बदलाव, वक्त रहते जान ले 9 और 10 वीं कक्षा में वाले छात्र, होगा फायदा

उत्तर प्रदेश राज्य हाईस्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के मुताबिक उत्तर प्रदेश बोर्ड - शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होने वाली कक्षा 9 और 10 के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लागू करने की बात कही है।

UP board: उत्तर प्रदेश राज्य हाईस्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के मुताबिक उत्तर प्रदेश बोर्ड - शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होने वाली कक्षा 9 और 10 के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लागू करने की बात कही है। अधिकारियों के द्वारा तैयार किए गए बदलावों के तहत कक्षा 9 में परीक्षा के लिए विषयों की संख्या 6 से बढ़कर 10 हो जाएगी। नए बदलाव के मुताबिक प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम तीन भाषाएं पढ़ना अनिवार्य हो जाएगा। बोर्ड ने बोर्ड से जुड़े 27,000 से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 और 10 के 50 लाख से अधिक छात्रों के लिए इन परिवर्तनों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए 29 जून तक सभी हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।

उत्तर प्रदेश बोर्ड के  अधिकारियों के मुताबिक, 2025-26 सत्र से कक्षा 9 में और 2026-27 सत्र से कक्षा 10 में तीन भाषा वाला फार्मूला लागू किया जाएगा।इस फॉर्मूले के तहत सभी छात्रों के लिए हिंदी अनिवार्य होगी। इसके अतिरिक्त छात्र विकल्पों में से दो भाषाओं का चयन करेंगे, जिनमें संस्कृत, गुजराती, उर्दू, पंजाबी, बंगाली, मराठी, असमिया, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, नेपाली, पाली, अरबी, फारसी और अंग्रेजी शामिल हैं।

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उत्तर प्रदेश बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान भी अनिवार्य विषय होंगे। छात्रों को गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, वाणिज्य, एनसीसी, कंप्यूटर, कृषि या पर्यावरण विज्ञान में से एक विषय का चयन करना होगा। कला शिक्षा के क्षेत्र में विकल्पों में पेंटिंग, संगीत, गायन या संगीत वादन शामिल हैं। शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा में नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा समाजोपयोगी उत्पादक कार्य शामिल होंगे। व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्र 31 विषयों में से चयन कर सकते हैं।

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प्रश्न पत्र का प्रारूप भी बदल जाएगा।

शारीरिक, कला और व्यावसायिक शिक्षा में 30 अंकों की लिखित परीक्षा और 70 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा। अन्य विषयों में 80 अंकों की लिखित परीक्षा और 20 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा। हाई स्कूल मार्कशीट के लिए कुल अंक अब 600 अंक से बढ़कर 1,000 अंक होंगे। प्रत्येक विषय 100 अंक का होगा, जिसमें 80 अंक अंतिम परीक्षा के लिए और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए होंगे। नए पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ एक ग्रेडिंग प्रणाली शुरू की जाएगी। इसके अलावा प्रश्न पत्र का प्रारूप भी बदल जाएगा।

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