माफिया मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट परिसर में मर्डर के बाद पुलिस कई सवालों के जवाब तलाश रही है। सबसे अहम कुख्यात संजीव जीवा के मर्डर की वजह तलाशी जा रही है। खबरों के मुताबिक संजीव जीवा शूटआउट की वजह गैंगवार भी हो सकती है।
लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट परिसर में मर्डर के बाद पुलिस कई सवालों के जवाब तलाश रही है। सबसे अहम कुख्यात संजीव जीवा के मर्डर की वजह तलाशी जा रही है। खबरों के मुताबिक संजीव जीवा शूटआउट की वजह गैंगवार भी हो सकती है। एक बार फिर गैंगस्टर सुनील राठी की तरफ शक भरी निगाहों से देखा जा रहा है। वजह भी खास है, मुन्ना बजरंगी गैंग के संजीव जीवा से गैंगस्टर सुनील राठी की पुरानी अदावत रही है।
सुनील राठी पर है मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप
आपको बता दें कि 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। उसका आरोप कुख्यात सुनील राठी पर है। संजीव जीवा पश्चिमी यूपी का कुख्यात माफिया रहा है। सुनील राठी भी अपना वर्चस्व कमजोर नहीं होने देना चाहता था। इसको लेकर सुनील राठी और संजीव जीवा के बीच जरायम की दुनिया में वर्चस्व को लेकर तनानती शुरु हो गई थी। खबरों के मुताबिक संजीव जीवा की हत्या करने वाले विजय यादव के तार सुनील राठी गैंग से जुड़ते दिख रहे हैं, क्योंकि मार्च से पहले वह मुंबई में ही नौकरी करता था। आशंका जताई जा रही है कि मुंबई में सुनील राठी गैंग से सम्पर्क में आने के बाद उसने इस वारदात को अंजाम दिया। हालांकि एसआईटी जांच के बाद ही स्पष्ट तौर पर यह पता चल सकेगा कि सच क्या है।
परिवार वालों से विजय यादव की नहीं हो रही थी बात
संजीव जीवा की कोर्ट परिसर में मर्डर करने वाले विजय यादव के घर पहुंची पुलिस ने जब उसके परिजनों से बात की तो पता चला कि वह बीते 11 मई को एक रिश्तेदार के यहां शादी में गया था और वहीं से निकल गया। परिवार उससे सम्पर्क नहीं कर सका था, क्योंकि उसका मोबाइल खराब था। उसने घर वालों को बताया था कि वह लखनऊ में किसी पाइप कम्पनी में काम करता है। बताया जा रहा है कि उसने जितने समय तक अपने परिवार से बात नहीं की। उस दरम्यान वह वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग में जुटा हुआ था। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने भी कल रात घटनास्थल का मुआयना किया और वारदात से जुड़े साक्ष्य देखें।
कहां से मिली मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर?
संजीव जीवा पर मैग्नम अल्फा .357 बोर की रिवॉल्वर से हमला किया गया था। चेक रिपब्लिक की बनी यह रिवॉल्वर देश में बैन नहीं है। पर सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि भला ये रिवॉल्वर उसे कैसे मिला? इस रिवॉल्वर के एक कारतूस की कीमत ही डेढ़ से दो हजार रुपये है। पुलिस इस पहलू से भी मामले की पड़ताल कर रही है।