अब तक पहली और अंतिम बार.. 3 रूसी वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष में हुई मौत, जानिए वहां मरने पर क्या होता है

Death in Space: यह तो आप जानते होंगे कि धरती पर अगर कोई मर जाए तो उसके शव के साथ क्या होता है, मगर क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में अगर किसी की मौत हो जाए, तो शव का क्या होता है?

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2022 12:17 PM IST / Updated: Oct 07 2022, 06:13 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क। Death in Space: अंतरिक्ष में अब तक कोई मरा है, तो वो रूस के तीन वैज्ञानिक हैं। घटना करीब 51 साल पहले यानी 30 जून 1971 की है। यह अब तक की पहली और अंतिम घटना है। इसके पहले न कभी ऐसा हुआ था और न ही आज तक ऐसा हुआ है। दरअसल, उस वक्त रूस के तीन वैज्ञानिक अंतरिक्ष में थे। उनके नाम थे जियोर्जी डोब्रावोलस्की, विक्टर पातासायेव और व्लादिसेलाव वोल्कोव। ये तीनों सोयूज-11 अंतरिक्ष स्टेशन में थे और वहां से करीब तीन हफ्ते बाद वापस पृथ्वी पर लौटने वाले थे। स्पेस स्टेशन से कैप्सूल अलग हो गया और तभी कैप्सूल केबिन का वेंट वॉल्व भी निकल गया। इससे अंदर की पूरी आक्सीजन खत्म हो गई। तीनों वैज्ञानिकों की दुखद मृत्यु हो गई। 

यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है इन रूसी वैज्ञानिक का शव वापस पृथ्वी पर लाया गया या नहीं। अगर अंतरिक्ष में रह गया, तो उसका क्या हुआ यह भी  साफ-साफ पता नहीं चल सका। बहरहाल, हम देखते हैं कि धरती पर अगर किसी की भी मौत हो जाए, चाहे वह इंसान हो या जानवर, तो तय विधि से उसका जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने की कोशिश होती है। इसकी वजह होती है कि डेड बॉडी खराब नहीं हो। मगर अंतरिक्ष में किसी की मौत हो जाए तो क्या होगा, इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐा न हो, तभी अच्छा है, क्योंकि यह बेहद भयावह क्षण और घटना में से एक होगी। 

Ice Mummy में बदल जाता है शव 
विशेषज्ञों के अनुसार, कोई भी अंतरिक्ष यात्री ऐसा नहीं चाहेगा कि उसकी मौत स्पेस में हो। अंतरिक्ष तो दूर अंतरिक्ष यान में भी डेड बॉडी को स्टोर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उसमें ऐसी कोई सुविधा नहीं होती। अगर किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत हो भी जाए, तो बीच में ही अभियान को खत्म कर दिया जाए या फिर अभियान खत्म होने तक उसके शव को वहां सुरक्षित रखा जाए, यह संभव नहीं है। ऐसे में जब किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत स्पेस में अभियान के दौरान हो जाती है, तो उसकी डेड बॉडी को एयरलॉक में पैक कर दिया जाता है और अंतरिक्ष में साथी वैज्ञानिक उसी तरह छोड़ देते हैं। अंतरिक्ष की ठंड में यह शव आइस ममी में तब्दील हो जाती है। 

लाखों साल तक शव अंतरिक्ष में सेफ रहेगा 
वैसे, अगर मिशन पर गए किसी अंतरिक्ष यात्री की बीच अभियान में मौत हो जाए, तब उसे पृथ्वी पर लाना इसलिए दुष्कर कार्य है, क्योंकि यह बेहद खर्चीला होगा और इसमें काफी लंबा वक्त लगेगा। ऐसे में उसे वहीं छोड़ देना ज्यादा मुनासिब माना जाता है। जब अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अपोलो अभियान के दौरान जिस स्पेस सूट को बनाया गया था, जब उसका परीक्षण हुआ तो सामने आया कि अंतरिक्ष में दबाव की वजह शव के चिथड़े भी उड़ सकते हैं। अगर शव किसी एस्टेराइड या अन्य चीज से न टकराए तो वह लाखों वर्षों तक सुरक्षित रह सकता है। हां, बस अंतरिक्ष में तैरता रहेगा। 

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