पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक और नई मुसीबत में फंस गए हैं। इस बार जो मुसीबत आई, वह खुद उनके लिए, उनकी पार्टी के लिए और पार्टी के कुछ नेताओंं के लिए भारी पड़ सकती है।
इस्लामाबाद। इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद की कुर्सी क्या छोड़ी, उनके दुर्दिन शुरू हो गए। हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पाकिस्तान की महिला जज के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी थी। इस मामले में उनके खिलाफ अवमानना का केस दर्ज हुआ। मगर इसके पहले और इसके बाद भी उन पर केस दर्ज हुए। इसके पहले उन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का केस दर्ज हुआ, तो बाद में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सार्वजनिक सभा के आयोजन पर प्रतिबंध होने के बाद भी एक रैली करने को लेकर केस दर्ज हो गया है।
दरअसल, इमरान खान ने बीते 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली को संबोधित किया। अब स्थानीय पुलिस का कहना है कि यहां धारा 144 लगी हुई थी। बावजूद इसके इमरान खान, उनकी पार्टी के नेताओं ने भारी भीड़ जुटाई। इस मामले में इमरान खान पर, उनकी पार्टी पीटीआई और पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ एक और नया केस दर्ज किया गया है।
महिला जज के खिलाफ कर दी विवादित टिप्पणी
बता दें कि इमरान खान की पार्टी का नाम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई है। पाकिस्तान पुलिस ने इमरान खान के अलावा, उनकी पार्टी और इसके कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद हाल ही में उन पर आतंकवाद से जुड़े एक मामले में केस दर्ज हुआ और बाद में उन्होंने एक महिला जज के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी। इस पर भी उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया। इस मामले में तो उन्हें 31 अगस्त तक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
हाईकोर्ट ने 25 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई है
इससे पहले, इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी और उनकी गिरफ्तारी पर 25 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी गई थी। इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अधिनियम के तहत पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इमरान खान ने रैली में महिला जज के साथ-साथ पुलिस के कुछ अधिकारियों को भी धमकाया था।
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