रूस-यूक्रेन युद्ध में अब घुसा फैमिली ड्रामा, बाप और बेटे में शुरू हो गई आमने-सामने की जंग

यूक्रेन से दिलचस्प मगर हैरान करने वाली खबर सामने आई है। कुछ यूक्रेनी नागरिक ऐसे हैं, जो रूस के समर्थन में लड़ रहे हैं। ओलेग इनमें एक हैं। यूक्रेन में रहते हुए रूस के समर्थन वाली अलगाववादी सेना की ओर से लड़ रहे हैं। उनका बेटा अर्तर उन्हीं के खिलाफ यूक्रेन की सेना में भर्ती हुआ है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 18, 2022 9:16 AM IST / Updated: Oct 18 2022, 02:52 PM IST

कीव (यूक्रेन)। किसी न किसी फिल्म, नाटक या फिर ड्रामा.. इनमें आपने एक पिता के खिलाफ पुत्र को हथियार उठाते जरूर देखा-सुना-पढ़ा होगा। मगर यहां स्टोरी फिल्मी नहीं है, रियल है। यह रियल स्टोरी रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से वास्ता रखती है। वही युद्ध, जो करीब आठ महीने से जारी है और निकट भविष्य में भी थमता नहीं दिख रहा है। 24 फरवरी को दोनों देशों के बीच जो जंग शुरू हुई, वह आज 18 अक्टूबर को भी लगातार जारी है। अगले कुछ दिनों तक तो इसके रूकने के आसार बिल्कुल नजर नहीं आ रहे हैं। हां, कोई चमत्कार हो, तो बात अलग है। 

बहरहाल, इस युद्ध में करोड़ों परिवार तबाह हो गए। अपना घर-बार छोड़ना पड़ा। परिवार बिछड़ गए, मगर अब एक ऐसे भी परिवार के बिछड़ने या सच कहें तो टूटने और दुश्मन बन जाने की खबर सामने आई है, जो किसी को भी सकते में डाल दे। 27 साल के अर्तर ने अपने पिता ओलेग के खिलाफ हथियार उठा लिया है। पिता रूसी सेना में कर्नल है और अर्तर यूक्रेन की तरफ से रूसी सेना से लड़ रहा है। वैसे तो अर्तर अपने असल देश यूक्रेन के लिए लड़ रहा है, मगर दिलचस्प यह है कि उसके यूक्रेनी पिता ओलेग यूक्रेन में रहते हुए भी अपने ही देश के खिलाफ लड़ रहे हैं। 

दरअसल, अर्तर और ओलेग के इस मामले से एक बात और सामने आई, वो ये कि यूक्रेन में बहुत से लोग अलगाववादी हो गए हैं। वे रूस का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में वे रूसी सेना के साथ अपने ही देश यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे हैं। ओलेग भी इनमें से एक हैं और वे यूक्रेन में रूस का समर्थन कर रहे अलगाववादी सेना में कर्नल पद पर हैं। ओलेग को अपने देश के खिलाफ लड़ता देख अर्तर ने कई बार समझाया, मगर उन्होंने बेटे की बात नजरअंदाज कर दी। जब पिता ने उसकी बात नहीं सुनी तो अर्तर यूक्रेन की सेना में भर्ती हो गया और यूक्रेन के सैनिकों से लड़ने लगा। 

एक तरफ कुछ महीने पहले ओलेग ने यूक्रेन के शहर इजियम और लाइमैन को जीतने में रूसी सेना की मदद की थी, तो अब अर्तर ने इन दोनों शहरों को वापस रूस से हासिल करने में यूक्रेन की मदद की है। हालांकि, उसके पिता अब यूक्रेन में ही हैं, मगर रूस के कब्जे वाले महत्वपूर्ण शहर दोनेत्स्क में। यह उसके पिता का असल इलाका भी है, क्योंकि वे इसी शहर के रहने  वाले हैं। बाद में वे यूक्रेन की राजधानी कीव में जाकर बस गए थे। अर्तर का जन्म कीव में ही स्थित बोरिस्पियल में हुआ था। वैसे, दावा यह भी किया जा रहा है कि दोनों के बीच संबंध अब भी उतने बुरे नहीं है, मगर जब बात देश की आती है, तो दोनों एकदूसरे के दुश्मन बन जाते हैं। दोनों के बीच अब भी बात हो रही है, मगर सिर्फ फोन पर। 

दरअसल, ओलेग खुद भी यूक्रेन सेना में थे और 2011 तक उसी की तरफ से लड़ते रहे। मगर 2011 में ही मां से तलाक होने के बाद पिता ओलेग काम की तलाश में रूस चले गए। यहां काम मिला, मगर पैसा ज्यादा नहीं था। पैसे की तंगी हमेशा बनी रहती थी।  खाना तक पूरा नहीं मिलता। ऐसे में रूस के समर्थन वाली अलगाववादी सेना में 2016 में भर्ती हो गए। इस सेना की ओर से वे क्रीमिया युद्ध में रूस की ओर से लड़े थे। 

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