मंगल और कालसर्प दोष के कारण आती हैं जीवन में परेशानियां, जानिए ये कब बनते हैं और उपाय

Published : Nov 28, 2021, 09:38 AM IST
मंगल और कालसर्प दोष के कारण आती हैं जीवन में परेशानियां, जानिए ये कब बनते हैं और उपाय

सार

किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की युति और स्थिति के अनुसार शुभ और अशुभ योग बताए जाते हैं। कुंडली में मौजूद गुण और दोष का व्यक्ति के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। जब किसी की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ ग्रह के साथ संयोजन करता है तो कुंडली में दोष का निर्माण होता है।

उज्जैन. कुंडली में ऐसे कई दोषों के बारे में बताया गया है, जो बेहद ही खतरनाक माने जाते हैं। इन दोषों को कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कष्टकारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये दोष व्यक्ति के निजी जीवन, आर्थिक स्थिति और कार्यक्षेत्र तक पर प्रभाव डालते हैं। कई बार जब व्यक्ति सफलता की ओर जाने लगता है तभी इन अशुभ योगों के कारण उसे परेशानियां घेर लेती हैं। इन अशुभ योगों के कारण कई बार व्यक्ति निराशा में डूब जाता है। आगे जानिए कौन से हैं वो अशुभ योग…

काल सर्पदोष (kaal sarp dosh)
कुंडली में बनने वाले अशुभ दोषों में से कालसर्प दोष का नाम सुनकर ही लोग भयभीत हो जाते हैं। जब किसी की कुंडली में राहु और केतु एक साथ आ जाते हैं या फिर सभी शुभ ग्रह राहु और केतु की धुरी के भीतर होते हैं तो कालसर्प दोष का बनता है। ज्योतिष में बारह तरह के कालसर्प दोष बताए गए हैं। इसे दोष के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे कार्यों में बाधा, असफलता, तनाव, परिवार में कलह आदि का सामना करना पड़ता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को गुप्त शत्रुओं का भय बना रहता है। यदि समय पर इस दोष का निवारण न किया जाए तो व्यक्ति को संघर्ष करते हुए जीवन व्यतीत करना पड़ता है।

कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों से बचने के उपाय
- यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- इसके साथ ही भगवान गणेश और शिव जी का पूजन करना चाहिए।
- शिवलिंग पर दूध और मिश्री से अभिषेक करने के साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- इसके अलावा आप किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर कालसर्प दोष निवारण के लिए अनुष्ठान भी करवा सकते हैं।

मंगल दोष (Mangal dosh)
ज्योतिष के अनुसार, जब किसी की कुंडली के लग्न भाव, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में कुज अर्थात् मंगल स्थित हो तो कुंडली में मंगल दोष लगता है। यह दोष विवाह के लिए बहुत अशुभ माना जाता है। विवाह में बाधा और वैवाहिक जीवन में कलह आदि मंगल दोष के सामान्य अशुभ प्रभाव हैं, लेकिन जब इस दोष में प्रबलता हो तब विवाह विच्छेदन की स्थिति बन सकती है। कुछ उपाय करके इस दोष के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।

मंगल दोष के प्रभाव से बचने के उपाय
- यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष तो उन्हें हनुमान जी और मंगल देव का पूजन करना चाहिए
- साथ ही मंगल के मंत्र ''ऊं भोमाय नमः'' का जाप करना चाहिए।
- मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए शिव-पार्वती का संयुक्त रूप से पूजन करना चाहिए।

ज्योतिषीय उपायों के बारे में ये भी पढ़ें

ये 9 ग्रह डालते हैं हमारे जीवन पर प्रभाव, इनके अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय करें

शनि और पितृ दोष दूर करने के लिए करें पीपल के ये आसान उपाय, इनसे हो सकता है धन लाभ भी

लाल किताब: लाइफ में बार-बार आ रही हैं परेशानियां तो करें ज्योतिष के ये आसान उपाय

किस देवी-देवता के मंत्र जाप के लिए कौन-सी माला की उपयोग करना चाहिए, जानिए

इन पंचदेवों की रोज करें पूजा, दूर होंगी परेशानियां और जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

PREV

Recommended Stories

Mahakal Bhasma Aarti: नए साल पर कैसे करें महाकाल भस्म आरती की बुकिंग? यहां जानें
Akhurath Chaturthi 2025: कब होगा अखुरथ चतुर्थी का चंद्रोदय? जानें टाइम