सार

वैदिक काल से ही हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि मंत्रों के माध्यम से देवताओं का आवाह्न करने पर वे तुरंत प्रकट हो जाते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में मंत्रों की विशेष मान्यता है। धर्म ग्रंथों में प्रत्येक देवी-देवता के लिए अलग पूजा विधान बताया गया है, इसी प्रकार से हर देवी-देवता का अलग मंत्र भी बताया गया है।
 

उज्जैन. यदि आप मंत्र जाप करते हैं तो इसके लिए आपको इस बारे में जानकारी होना आवश्यक है कि देवी-देवता के मंत्र जाप के लिए कौन सी माला का प्रयोग करना सही रहता है। मान्यता है कि यदि मंत्र जाप करते समय सही माला का प्रयोग किया जाए तो मंत्र जाप और भी प्रभावशाली हो जाता है। आगे जानिए किस देवी-देवता की पूजा करते समय कौन-सी माला का प्रयोग करना चाहिए…

रुद्राक्ष की माला
रूद्राक्ष की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव के आंसुओं से मानी गई है। रूद्राक्ष की माला से भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा मां गायत्री, देवी दुर्गा, गणपति देव, कुमार कार्तिकेय और भगवान हनुमान के मंत्र जाप के लिए भी रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए।

स्फटिक की माला
मां दुर्गा के सभी स्वरूपों के मंत्र जाप के लिए स्फटिक की माला का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा धन की देवी मां लक्ष्मी और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के मंत्र जाप के लिए भी स्फटिक की माला का प्रयोग किया जाता है।

तुलसी की माला
तुलसी की माला का प्रयोग विशेषतौर पर भगवान विष्णु के मंत्र जाप के लिए किया जाता है। इसके अलावा भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के मंत्रो का जाप करने के लिए भी तुलसी की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ रहता है क्योंकि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्री राम और कृष्ण जी दोनों ही विष्णु जी का अवतार हैं।

लाल और सफेद चंदन की माला
भगवान श्रीगणेश, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और त्रिपुर सुंदरी माता के मंत्रों का जाप करने के लिए लाल चंदन की माला का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा मंगल देव के मंत्रों का जाप लाल चंदन की माला से करना श्रेष्ठकर रहता है। सफेद चंदन की माला से भगवान श्रीराम, विष्णु, कृष्ण, दत्तात्रेय भगवान का मंत्र जाप किया जाता है। 

कमलगट्टे की माला
धन और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी कमल के आसन पर विराजती हैं। इनके मंत्र जाप के लिए कमलगट्टे की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ रहता है। इसके अलावा मां लक्ष्मी को कमलगट्टे की माला अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं।

हल्दी की माला
देवगुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके मंत्रों का जाप हल्दी की माला से करना चाहिए। इसके अलावा मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप हल्दी की माला से करना उत्तम रहता है। 

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