149 साल बाद गुरु पूर्णिमा पर होगा चंद्रग्रहण, अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय करें

 भारत के साथ ही ये ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में भी दिखाई देगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2019 1:30 PM IST

उज्जैन. इस बार 16-17 जुलाई की दरमियानी रात चंद्रग्रहण का योग बन रहा है। इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा रहेगी। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगने वाला यह ग्रहण धनु राशि में होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इसके पहले 12 जुलाई, 1870 को यानी 149 साल पहले भी गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था। उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में थे। सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में था।

भारत सहित इन देशों में देगा दिखाई
चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई की दोपहर लगभग 1.30 बजे से शुरू हो जाएगा, जो कि 17 जुलाई की सुबह 4.31 बजे तक रहेगा। रात करीब 1.31 बजे से ग्रहण शुरू हो जाएगा। इसका मोक्ष 17 जुलाई की सुबह करीब 4.31 बजे होगा। पूरे तीन घंटे ग्रहण काल रहेगा। भारत के साथ ही ये ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में भी दिखाई देगा। 

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ग्रहण के प्रभाव से आ सकती हैं प्राकृतिक आपदाएं

ग्रहण के अशुभ फल से बचने के लिए ये करें-

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