संतान सुख के लिए चैत्र नवरात्रि में रोज करें दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का पाठ

कुछ लोगों को आसानी से संतान सुख मिल जाता है, जबकि कुछ लोगों को काफी कोशिशों बाद भी संतान की खुशियां नहीं मिल पाती। जन्म कुंडली के विश्लेषण से संतान जन्म की संभावनाओं का आंकलन किया जा सकता है। अगर कुंडली के अनुसार संतान जन्म में परेशानियां हैं तो नवरात्रि के दौरान आसान उपाय करने से उसे दूर किया जा सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2021 3:37 AM IST

उज्जैन. कुछ लोगों को आसानी से संतान सुख मिल जाता है, जबकि कुछ लोगों को काफी कोशिशों बाद भी संतान की खुशियां नहीं मिल पाती। जन्म कुंडली के विश्लेषण से संतान जन्म की संभावनाओं का आंकलन किया जा सकता है। अगर कुंडली के अनुसार संतान जन्म में परेशानियां हैं तो नवरात्रि के दौरान आसान उपाय करने से उसे दूर किया जा सकता है।

कुंडली के इस भाव से करते हैं संतान का विचार
कुंडली में संतान के आंकलन के लिए पंचम भाव और पंचमेश पर विचार किया जाता है। इसके लिए माता और पिता दोनों की कुंडली देखी जानी चाहिए। अगर दोनों की कुंडली में सकारात्मक संकेत मिलें तो संतान के जन्म की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

ये योग बढ़ाते हैं मुश्किलें
- अगर पंचमेश कुंडली 6, 8 या 12वें भाव में है या पंचमेश नीच, शत्रु के भाव में हो तो कष्ट से संतान की प्राप्ति होती है।
- यदि पंचमेश छठे भाव में हो और लग्नेश किसी भी भाव में मंगल के साथ हो तो पहली संतान जीवित नहीं रहती है और भविष्य में स्त्री गर्भधारण नहीं करती है। इसे काकबंध्या योग कहते हैं।
- जीवन में एक बार गर्भधारण हो तो काकबंध्या और कभी गर्भधारण न हो तो बंध्या होती है। पंचम भाव पर ज्यादातर पाप ग्रहों की दृष्टि या प्रभाव हो, पंचमेश पाप प्रभाव में हो।

दुर्गा सप्तशती के नवम अध्याय का करें पाठ
यूं तो कुंडली के कई दोषों को शांत करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है, लेकिन संतान प्राप्ति की कामना के लिए इसके नवम अध्याय का पाठ करना चाहिए। ये पाठ अगर नवरात्रि के दौरान किया जाए तो और भी शुभ फल मिल सकते हैं।

चैत्र नवरात्रि के बारे में ये भी पढ़ें

चैत्र नवरात्रि में नीम की पत्तियां चबाने की परंपरा क्यों? जानिए इसके वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण

चैत्र नवरात्रि में उपवास के दौरान आखिर क्यों करते हैं फलाहार का सेवन?

चैत्र नवरात्रि में रोज करें देवी के इन मंत्रों का जाप, मगर ध्यान रखे ये बातें भी

चैत्र नवरात्रि: 13 से 21 अप्रैल तक करें राशि अनुसार ये उपाय, बच सकते हैं हर परेशानी से

चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में कब, कौन-सा पर्व मनाया जाएगा और किस दिन, कौन-सा शुभ योग बनेगा?

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 13 अप्रैल को इस विधि से करें घट स्थापना, ये हैं शुभ मुहूर्त

आप भी रख रहे हैं नवरात्रि के उपवास तो ध्यान रखें ये बातें, जानिए कौन-से काम करने से बचें

चैत्र नवरात्रि: इस बार घोड़े पर सवार होकर आएगी देवी, बन रहे हैं बीमारी फैलाने वाले ग्रह योग

13 से 21 अप्रैल तक मनाई जाएगी चैत्र नवरात्रि, इन 9 दिनों में बनेंगे कई शुभ योग

चैत्र नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का जाप, दूर हो सकती हैं आपकी परेशानियां

Share this article
click me!