रुद्राक्ष को लेकर शिवपुराण में लिखी गई हैं कई बड़ी बातें, दावा है- इसे पहनने वाला नहीं होता गरीब

रुद्राक्ष के बारे में हम सभी जानते हैं। भगवान शिव इसे आभूषण के रूप में पहनते हैं। रुद्राक्ष के बिना महादेव का श्रृंगार ही अधूरा माना जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 18, 2020 4:04 AM IST / Updated: Feb 18 2020, 11:07 AM IST

उज्जैन. शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं। एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला कभी गरीब नहीं होता, उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, ऐसा शिवपुराण में लिखा है। महाशिवरात्रि (21 फरवरी, शुक्रवार) के मौके पर हम आपको रुद्राक्ष के प्रकार तथा उससे जुड़ी खास बातें बता रहे हैं।

1. एक मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप है। जहां इसकी पूजा होती है, वहां से माता लक्ष्मी दूर नहीं जातीं। यानी जो इस रुद्राक्ष को धारण करता है, वह कभी गरीब नहीं होता।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:

2. दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुख वाला रुद्राक्ष देव देवेश्वर कहा गया है। यह सभी इच्छाएं पूरी करता है। धारण करने का मंत्र- ऊं नम:

3. तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुख वाला रुद्राक्ष सफलता दिलाने वाला होता है। विद्या प्राप्ति के लिए भी यह रुद्राक्ष बहुत विशेष है।
धारण करने का मंत्र- ऊं क्लीं नम:

4. चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुख वाला रुद्राक्ष ब्रह्मा का स्वरूप है। उसके दर्शन तथा स्पर्श से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:

5. पंचमुखी रुद्राक्ष
पांच मुख वाला रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र स्वरूप है। इसको पहनने से अद्भुत मानसिक शक्ति का विकास होता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:

6. छ: मुखी रुद्राक्ष
छ: मुख वाला रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरूप है। जो भी इस रुद्राक्ष को पहनता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:

7. सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुख वाला रुद्राक्ष अनंग नाम से प्रसिद्ध है। इसे धारण करने वाला गरीब भी राजा बन जाता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं हुं नम:

8. अष्टमुखी रुद्राक्ष
आठ मुख वाला रुद्राक्ष अष्टमूर्ति भैरवस्वरूप है। जो भी ये रुद्राक्ष पहनता है उसकी आयु बढ़ जाती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं हुं नम:

9. नौमुखी रुद्राक्ष
नौ मुख वाला रुद्राक्ष भैरव व कपिलमुनि का प्रतीक है। इसे पहनने से गुस्से पर नियंत्रण व ज्ञान की प्राप्ति होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:

10. दस मुखी रुद्राक्ष
दस मुख वाला रुद्राक्ष भगवान विष्णु का रूप है। इसे धारण करने वाले मनुष्य की संपूर्ण इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:

11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
ग्यारह मुखवाला रुद्राक्ष रुद्र रूप है। जो इस रुद्राक्ष को पहनता है, किसी भी क्षेत्र में उसकी कभी हार नहीं होती।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:

12. बारह मुखी रुद्राक्ष
बारह मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने से इज्जत, शोहरत, पैसा या अन्य किसी चीज की कोई कमी नहीं होती।
धारण करने का मंत्र- ऊं क्रौं क्षौं रौं नम:

13. तेरह मुखी रुद्राक्ष
तेरह मुख वाला रुद्राक्ष विश्वदेवों का रूप है। इसे धारण कर मनुष्य सौभाग्य और मंगल लाभ प्राप्त करता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:

14. चौदह मुखी रुद्राक्ष
चौदह मुख वाला रुद्राक्ष परम शिवरूप है। इसे धारण करने पर समस्त पापों का नाश हो जाता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं नम:

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