अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) रणविजय सिंह ने बताया कि आईटी सेल में तैनात निरीक्षक विजय सिंह राणा तथा थाना सेक्टर-113 पुलिस ने एक संयुक्त कार्रवाई के तहत मंगलवार यानी 24 मई को पवन कुमार, जितेश कुमार, रजत गुप्ता, रामकृष्ण सिंह, दीपेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, अरविंद कुमार यादव, तेजपाल सिंह, रोहित कुमार तथा सुभाष चंद्र को गिरफ्तार किया है।
नोएडा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के दोबारा सत्ता में वापसी करने के बाद यूपी पुलिस (UP police) को अपराधियों पर सिकंजा कसने के लगातार निर्देश मिलते जा रहे हैं। प्रदेश के आपराधिक मामलों के निस्तारण में जुटी यूपी पुलिस अब आम लोगों से धोखाधड़ी करने वालों पर भी नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी से जुड़ा हुआ एक मामला यूपी के नोएडा (Noida) से सामने आया। जहां मंगलवार को विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के 10 लोगों को थाना सेक्टर-113 पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
6.74 लाख की नगदी के साथ अन्य माल बरामद
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) रणविजय सिंह ने बताया कि आईटी सेल में तैनात निरीक्षक विजय सिंह राणा तथा थाना सेक्टर-113 पुलिस ने एक संयुक्त कार्रवाई के तहत मंगलवार यानी 24 मई को पवन कुमार, जितेश कुमार, रजत गुप्ता, रामकृष्ण सिंह, दीपेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, अरविंद कुमार यादव, तेजपाल सिंह, रोहित कुमार तथा सुभाष चंद्र को गिरफ्तार किया है। उन्होंने आगे बताया कि इन सभी आरोपियों के पास से पुलिस ने सात लैपटॉप, 17 मोबाइल फोन, 6,74,000 रुपये नकद, व एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की है। आगे बताते है कि सभी आरोपी दिल्ली में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे।
बड़ी कंपनी में नौकरी लगवाने के नाम पर करते थे ठगी
अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि यह सभी लोग बेरोजगार लोगों को विदेश तथा भारत में बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे, तथा विभिन्न मदों में उनसे लाखों रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लेते थे। उन्होंने बताया कि सेक्टर-75 स्थित एक सोसाइटी में रहने वाले नरेंद्र नामक व्यक्ति को सिंगापुर में नौकरी लगवाने के नाम पर इन लोगों ने अपने जाल में फंसाया तथा उससे 20 लाख रुपए रुपए ठग लिए। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने सैकड़ों लोगों के साथ ठगी करने की बात स्वीकार की है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि इन लोगों ने बैंक कर्मियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाए, जिसमें यह लोग ठगी के शिकार लोगों से पैसा डलवाते थे।