यूपी के कई जिलों में 'अग्निपथ योजना' के खिलाफ सड़क पर उतरे युवा,सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के साथ ही मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर, में सेना में भर्ती के अकांक्षी युवाओं ने प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने इस योजना को रद करने की मांग की और अग्निपथ योजना वापस लो के नारे लगाए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 16, 2022 10:11 AM IST / Updated: Jun 16 2022, 03:42 PM IST

लखनऊ: सेना में युवाओं की चार वर्ष की संविदा पर भर्ती का जोरदार विरोध हो रहा है। राजनैतिक दलों के बाद अब बड़ी संख्या में युवा के साथ बेरोजगार सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना पर बवाल कर रहे हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ अपनी पार्टी के नेता भी हैं।

यूपी के कई शहरों में अग्निपथ योजना को लेकर बवाल
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के साथ ही मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर में सेना में भर्ती के अकांक्षी युवाओं ने प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने इस योजना को रद करने की मांग की और 'अग्निपथ योजना वापस लो' के नारे लगाए हैं। केंद्र सरकार की सेना में भर्ती के लिए बनाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ मथुरा में युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है। सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने मथुरा में रैपुराजाट गांव के पास आगरा-दिल्ली हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम के कारण दोनों ओर से हाईवे पर यातायात ठप हो गया है। करीब 12 बजे युवाओं ने आगरा-दिल्ली हाईवे पर रैपुरा जाट के निकट जाम लगा दिया है।सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है।

देवरिया में भी छात्रों ने किया बवाल
वहीं देवरिया जनपद में सेना की ओर से चार साल के लिए युवाओं को अग्निवीर के तौर पर भर्ती करने वाली अग्निपथ योजना का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस योजना के खिलाफ बृहस्पतिवार की सुबह सेना भर्ती के सैकड़ों अभ्यर्थियों ने जमकर बवाल काटा। वे गढ़रामपुर नहर पुलिया के पास जमा हुए और देवरिया-कसया मार्ग को जाम कर अपना विरोध-प्रदर्शन किया।

 अग्निपथ योजना क्या है?
'अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे।  इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा। इतना ही नहीं सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी।

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