
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके है। राज्य में विधान परिषद चुनाव की तैयारियां जोरो से चल रही है। लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। दरअसल सपा नेता सुमित चपराना केजरीवाल की पार्टी में शामिल हो गए है। मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश सचिव सुमित ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
सदस्यता के दौरान पार्टी के कई नेता रहे मौजूद
आम आदमी पार्टी की सदस्यता दिलाने के दौरान राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय पर समाजवादी पार्टी नेता सुमित चपराना को पार्टी की सदस्यता दिलाई है। इस दौरान आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र जादौन, नोएडा विधानसभा से प्रत्याशी रहे पंकज अवाना भी मौजूद रहे।
आप की नीतियों और कार्य से हुए प्रभावित
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के रहने वाले सुमित चपराना ने बताया कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जन कल्याण की नीति और कार्य से प्रभावित थे। आम आदमी पार्टी में शामिल होने का मुख्य कारण यही है और तभी उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। सुमित कहते है कि हमारा सपना उत्तर प्रदेश के नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं के साथ उनका अधिकार दिलाना है।
अखिलेश का मुख्यमंत्री बनने का सपना टूटा
उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में लगातार समाजवादी पार्टी व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पराजय का सामना करना पड़ा है। लेकिन उन्होंने अभी भी हार नहीं मानी है। चुनाव के परिणाम अनुसार हारे जरूर है लेकिन वोटों में बढ़ोत्तरी होने पर काफी खुश नजर आए। उनका कहना रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की हार की शुरूआत हो चुकी है। आगमी चुनाव में 2022 के मुकाबले बीजेपी की सीटों में कमी आएगी और सपा के सीटों में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। लिहाजा उनका उत्तर प्रदेश का फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया। हाल ही में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी गठबंधन को 125 सीटें ही मिली हैं। इस परिणाम ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी अखिलेश यादव की चिंता बढ़ा दी है।
उत्तर प्रदेश को देश के सबसे तीन गरीब राज्यों में है शामिल
आपको बता दें कि सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी के विकास कार्यों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार की ओर से विकास के किए गए झूठे दावों को खुद भारत सरकार का नीति आयोग ही झुठला रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राज में नीति आयोग में प्रथम बहुआयामी गरीबी सूचकांक में उत्तर प्रदेश को देश के सबसे तीन गरीब राज्यों में शामिल बताया गया है। बिहार और झारखण्ड के बाद उत्तर प्रदेश तीसरे नम्बर पर है। यूपी के 37.79 प्रतिशत लोग निर्धन है। इसी तरह कुपोषण में भी उत्तर प्रदेश तीसरे दर्जे पर है। बाल एवं शिशु मृत्यु दर श्रेणी में भी पूरे देश में उत्तर प्रदेश सबसे खराब स्थिति में है।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।