खेल-खेल में तालाब पास गड्ढे में समा गए 10 बच्चे, 3 की निकाली लाश

Published : Jan 01, 2021, 11:17 AM ISTUpdated : Jan 01, 2021, 11:20 AM IST
खेल-खेल में तालाब पास गड्ढे में समा गए 10 बच्चे, 3 की निकाली लाश

सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना में बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। सीएम ने प्रशासन को घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।  

आगरा (Uttar Pradesh) । तालाब की खोदाई के लिए पास में बने गड्डे में 10 बच्चे दब गए। जिसमें तीन की मौत हो गई है, जबकि एक घंटे से अधिक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी बच्चों को निकाल लिया गया। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुःख जताया है। बता दें कि यह हादसा गुरुवार की देर शाम सिकंदरा थाना के रुनकता पुलिस चौकी के पीछे नगरा की है।

यह है पूरा मामला
ग्रामीणों का आरोप है कि बिना पैमाइश तालाब का चौड़ीकरण का काम शुरू कराया था। वहीं, 5-10 साल के बच्चे खेल रहे थे। बताते हैं कि अचानक ढाय गिर गई, जिसके मलबे में 10 बच्चे दब गए। इसकी खबर लगते ही गांव में चीख-पुकार मच गई।. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया। जेसीबी की मदद से मलबे में दबे 7 बच्चों को जिंदा बाहर निकाला गया। जबकि तीन की मौत हो गई, जिनके शव को देर रात निकाल लिया गया। 

सीएम ने जताया शोक
पुलिस ने घायल बच्चों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती करवाया। एसडीएम सुमित सिंह ने कहा है कि 7 बच्चे खेलते हुए मिट्टी में दब गए थे, रेस्क्यू टीम ने उन्हें बचाया और अस्पताल पहुंचाया। 3 बच्चों की मौत की सूचना है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना में बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। सीएम ने प्रशासन को घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
 

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

उत्तर प्रदेश बना ग्लोबल निवेशकों की पहली पसंद, योगी सरकार की नीतियों से बढ़ा अंतरराष्ट्रीय भरोसा
ग्रामीण आजीविका मिशन: मीरजापुर की सुशीला देवी बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल