यूपी के आयुष मेडिकल कॉलेजों में फर्जी दाखिला दिलाने के मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि विभागीय जांच में सामने आया है कि 41 निजी और 13 सरकारी कॉलेजों में हेराफेरी कर छात्रों को दाखिला दिया गया है।
लखनऊ: आयुष कॉलेजों के एडमिशन में हुई हेराफेरी के मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। सामने आया है कि दाखिले की काउंसिलिंग कमेटी में शामिल सदस्यों के कॉलेजों में भी हेराफेरी हुई है। वहीं राज्य के 41 प्राइवेट और 13 सरकारी कॉलेजों में हेराफेरी करने के मामले का खुलासा हुआ है। हेराफेरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गाजीपुर स्थित शमसे गौसिया यूनानी मेडिकल कॉलेज की सभी 40 सीटें हेरफेर करने से भर गईं तो वहीं फतेहपुर के कॉलेज की 60 में से 58 सीटों पर खेल हुआ है। हेराफेरी करने वाले कॉलेजों में हड़कंप मच गया है।
ऑफिस से गायब हो रहे अफसर और कर्मचारी
वहीं विभागीय अफसर अपने ऑफिस में ताला लटका कर गायब हो गए हैं। साथ ही ये अफसर कॉलेज संचालक निदेशालय और शासन के चक्कर काट रहे हैं। इसके अलावा गलत तरीके से एडमिशन लेने वाले छात्रों के अभिभावक भी लखनऊ में डेरा डाल कर एसटीए और जांच कमेटी की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। बता दें कि राज्य के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए कमेटी बनी थी। इस कमेटी के अध्यक्ष शासन द्वारा नामित आयुष विभाग के विशेष सचिव सुखलाल भारती और सदस्य सचिव आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह थे।
इन कॉलेजों में दिया गया मनमाने तरीके से दाखिला
इसके अलावा इस कमेटी के अन्य सदस्यों में संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, राजकीय तकमील कॉलेज, लखनऊ के डॉ. बच्चू सिंह एवं डॉ. मजाहिर आलम, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज के डॉ. एसएस पाल एवं डॉ. अशोक कुमार सिंह भी शामिल थे। इसी तरह प्राइवेट क्षेत्र के कॉलेजों के प्रतिनिधि के तौर पर जामिया तिब्बिया यूनानी कॉलेज देवबंद, सहारनपुर, भारत आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरनगर और वैक्सन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, नोएडा के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था। इस दौरान विभागीय जांच में सामने आया कि भारत आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की 18, वैक्सन होम्योपैथिक कॉलेज की दो, शम्मे गौसिया की 40, जामिया तिब्बिया यूनानी कॉलेज देवबंद की 25 सीटें और गौसिया यूनानी की 58 सीटें मनमाने तरीके यानि की हेरफेर से भरी गई हैं।
अफसरों और निदेशालय के कर्मचारियों ने मिलकर खेला खेल
वहीं राज्य के 11 प्राइवेट यूनानी कॉलेजों की 363 सीटों को हेराफेरी कर भरा गया है। बता दें कि सरारी क्षेत्र के दोनों कॉलेजों में चार दाखिले संदिग्ध मिले हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नीट की मेरिट लिस्ट में योग्य अभ्यर्थियों के नाम को उन छात्रों के नाम से बदल दिया गया जिन्हें फर्जी तरीके से दाखिला दिलाया जाना था। वहीं कई छात्र तो ऐसे भी हैं, जो नीट में शामिल ही नहीं हुए थे या फिर रैकिंग में काफी नीचे थे। इस मामले में आयुर्वेद निदेशालय के लोगों की भूमिका भी बेहद संदिग्ध है। दाखिले की प्रक्रिया में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा अफसरों और निदेशालय के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना नहीं किया जा सकता है। बता दें कि आयुर्वेद निदेशालय के प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) उमाकांत यादव और आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह सस्पेंड कर दिया गया है।