Bihar : चिराग पासवान ने बदली एकला चलो वाली नीति, पुराने साथी को कहेंगे बाय-बाय, नए के साथ गठबंधन की तैयारी

पहले बिहार विधानसभा के चुनाव और बाद में उप चुनाव के नतीजों में मिली हार ने चिराग पासवान को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। हालत यह है कि अब उनकी पार्टी के पास न तो कोई विधायक है और न ही विधान पार्षद। चुनाव जीतने वाले इकलौते जनप्रति‍निधि बतौर सांसद चिराग ही बचे हैं।

पटना : बिहार (bihar) राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। अब तक एकला चलो वाली नीति पर काम कर रहे लोक जनशक्‍त‍ि पार्टी (रामविलास) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) अब रणनीति बदलने की तैयारी में हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चिराग पासवान की पार्टी अपने पुराने गठबंधन को बाय-बाय कर नए सियासी समीकरण बनाने जा रहे हैं। उनकी पार्टी राज्य के अंदर नया गठबंधन बनाने की रणनीति पर फोकस कर रही है। पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड के सभी सदस्यों ने भी शनिवार को इसको अपनी मंजूरी दे दी है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि लोजपा (रामविलास) का गठबंधन किसके साथ होगा। वैसे कहा जा रहा है कि वे राजद (RJD) और महागठबंधन के साथ जा सकते हैं।

आगामी चुनाव को लेकर स्ट्रैटजी
चिराग पासवान की यह रणनीति विधान परिषद के लिए 24 सीटों पर होने वाले MLC चुनाव को देखते हुए है। इस चुनावी मैदान में लोजपा (रामविलास) भी अपने उम्मीदवार उतारने वाली है। लेकिन, इस चुनाव में चिराग की पार्टी अकेले नहीं लड़ेगी। वो किसी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन करने के बाद ही अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। इस बात पर पार्टी के अंदर आम सहमति बन गई है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण जो माना जा रहा है वो ये कि पहले बिहार विधानसभा के चुनाव और बाद में उप चुनाव के नतीजों में मिली हार ने चिराग पासवान को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। हालत यह है कि अब उनकी पार्टी के पास न तो कोई विधायक है और न ही विधान पार्षद। चुनाव जीतने वाले इकलौते जनप्रति‍निधि बतौर सांसद चिराग ही बचे हैं।

Latest Videos

लंबे वक्त से NDA के साथ
2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने अपनी पार्टी लोजपा को भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन NDA में शामिल किया था। उस वक्त से लोकसभा और बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी गठबंधन के तहत लड़ा गया था। लेकिन, NDA में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी पार्टी JDU की वापसी से चिराग पासवान की पार्टी और भाजपा (BJP) के बीच दूरी बन गई। JDU को ज्यादा तरजीह मिलने लगी। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने JDU के उम्मीदवारों के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा था। इस चुनाव में चिराग की पार्टी को कोई सीट तो नहीं आई, लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी को काफी डैमेज कर दिया। कुशेश्वरस्थान और तारापुर उपचुनाव में भी चिराग की पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

28 नवंबर तक सामने आ सकती है नई रणनीति
28 नवंबर को पटना (patna) के बापू सभागार में लोजपा (रामविलास) का स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया जाएगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक में समारोह को सफल बनाने में सभी जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में पार्टी के सभी पूर्व प्रत्याशी, जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। माना जा रहा है कि इसी दिन पार्टी अपनी आगामी रणनीति का खुलासा कर सकती है कि वह किसके साथ हाथ मिलाने जा रही है।

इसे भी पढ़ें-PM Modi के लिए फिर इमोशनल हुए Chirag Paswan: साथ शेयर की तस्वीर, कहा-उनमें पिता की तरह अपनत्व का जज्बा

इसे भी पढ़ें-Bihar में भी जिन्ना की एंट्री, JDU MLC खालिद ने Jinnah को महान स्वतंत्रता सेनानी कहा, BJP बोली- पाकिस्तान जाओ

Share this article
click me!

Latest Videos

खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
क्या है Arvind Kejriwal का मूड? कांग्रेस के खिलाफ फिर कर दिया एक खेल । Rahul Gandhi