
बिजनौर: उत्तर प्रदेश के जिल बिजनौर के स्योहारा निवासी NIA के डिप्टी अफसर तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुनीर की वाराणसी स्थित BHU के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में भर्ती था। बीते 19 नवंबर को सहसपुर निवासी मुनीर को सोनभद्र के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दरअसल मुनीर अहमद ने दो अप्रैल 2016 की रात स्योहारा शादी समारोह से लौटते समय एनआईए अफसर तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना की ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी।
UP, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में दर्ज हैं मुकदमे
इस मामले में फांसी की सजा पाने वाले कुख्यात गैंगस्टर मुनीर कुख्यात अपराधी रहा है। उसके खिलाफ 33 मुकदमे दर्ज हैं। बिजनौर में आठ, अलीगढ़ में 15, दिल्ली व अन्य कई जगहों पर उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। वह एक अंतरराज्यीय अपराधी था। डॉक्टरों के मुताबिक कैदी मुनीर को यूरिन इंफेक्शन और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या की वजह से सोनभद्र से बीएचयू अस्पताल लाया गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि उसका इम्यून सिस्टम पूरी तरह डैमेज होने की वजह से उसकी मौत हुई है। वीडियो कैमरे के सामने डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम करा कर उसके परिजनों को उसका शव सौंपा जाएगा।
आरोपी मुनीर के खिलाफ दर्ज थे कई मुकदमे
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मुनीर के खिलाफ पहला मुकदमा साल 2013 में अलीगढ़ के सिविल लाइन थाना में दर्ज हुआ था। उसके बाद दिल्ली के जामिया नगर में लूट का मुकदमा भी साल 2013 में ही लिखा गया। इतना ही नहीं इसी साल अलीगढ़ में दो और मुकदमे हुए। फिर साल 2014 में दस मुकदमे मुनीर के खिलाफ अलीगढ़ और दिल्ली में दर्ज हुए। साल 2014 को दिल्ली के जाफराबाद में ही लूट और हत्या का मामला दर्ज हुआ था। दिल्ली के रुपनगर थाने में भी इसी साल एक और हत्या का मुकदमा आरोपी के खिलाफ लिखा गया। लखनऊ में भी एक हत्या समेत दो केस मुनीर के खिलाफ दर्ज हैं। इन सबके अलावा मुनीर के खिलाफ कई मुख्य अपराधिक मामले दर्ज है।
साल 2016 को NIA के डिप्टी एसपी की थी हत्या
बता दें कि दो अप्रैल 2016 को बिजनौर के सहसपुर में NIA के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के दौरान तंजील अहमद और उनकी पत्नी अपनी भांजी की शादी से वापस घर लौट रहे थे। उनकी हत्या के बाद राज्य और केंद्र सरकार में हड़कंप मच गया था। वारदात को पहले आतंकवादियों से जोड़ कर देखा जा रहा था लेकिन जब खुलासा हुआ तो पता लगा कि NIA के डिप्टी एसपी के पड़ोस में रहने वाले मुनीर और रिहान सहित अन्य लोगों ने वारदात को अंजाम दिया था।
छह साल तक इस मामले को लेकर चला था मुकदमा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. विजय कुमार की कोर्ट ने NIA के डिप्टी एसपी और उनकी पत्नी की हत्या में 21 मई 2022 को मुनीर और रिहान को फांसी की सजा सुनाई थी। दोनों पर कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इस मामले में दोषियों के तीन अन्य साथी तंजीम, जैनी और रिजवान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था। 6 साल तक कोर्ट में चले इस मामले में 19 लोगों की गवाही हुई और 159 तारीखों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से मुनीर सोनभद्र की जिला जेल में सजा काट रहा था।
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