यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुरोहितों, पुजारियों और बुजुर्ग संतों के लिए एक अहम फैसला लिया है। इन सभी लोगों के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि एक कल्याण बोर्ड बनाया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली विकसित करने का भी आदेश दिया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे योगी आदित्यनाथ कई महत्वपूर्ण घोषणा कर चुके है। योगी आदित्यनाथ के दूसरी बार सीएम बनने के बाद ही बीजेपी अपने संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के प्रेजेंटेशन के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश के बुजुर्ग संतों, पुरोहितों और पुजारियों के लिए एक कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। यूपी देश का पहला राज्य होगा जहां साधु-संतों और पुजारियों को मानदेय मिलेगा और संस्कृत छात्रों को स्कॉलरशिप मिलेगी। साथ ही एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली विकसित करने का भी आदेश दिया।
ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस की तर्ज पर हर जिले का भी स्थापना दिवस मनाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेश के प्रत्येक शहर और गांव में एकता और आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ताकि सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ किया जा सके। इतना ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि राज्य में ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली को विकसित किया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सभी जिलों में पर्यटन और संस्कृति परिषद का गठन किया जाए। मथुरा, गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी में भजन संध्या स्थल भी बनेंगे।
भ्रष्टाचार रोकने के बनाए विशेष पोर्टल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विशेष पोर्टल बनाने का निर्देश भी दिया है। सीएम ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए है कि तहसील प्रशासन को जिम्मेदार, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त करने और भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इसको करने के लिए 50 अधिकारियों का एक पैनल बनाए जो भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करेंगे। इन सबके साथ ही साथ उन्होंने एक बार फिर सभी बीडीओ, तहसीलदारों और एसडीएम को उनकी तैनाती स्थल पर ही रात्रि विश्राम करने का निर्देश दिया, ताकी जनहित की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।