
लखनऊ (Uttar Pradesh). राजधानी में 18 अक्टूबर को हुई हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने दावा किया है कि हत्यारे गूगल मैप की मदद से कमलेश के कार्यालय तक पहुंचे थे। बता दें, भगवा कपड़ा पहने दो लोग कमलेश से मिलने मिठाई के डब्बे में हथियार लेकर आए थे। मामले में एटीएस ने शनिवार को सूरत के मौलाना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा यूपी के बिजनौर जिले से मोहम्मद मुफ्ती नईम काजी और इमाम मौलाना अनवरुल-हक को हिरासत में लिया है।
ऐसे कमलेश के पास पहुंचे थे हत्यारे
पुलिस के अनुसार, दोनों हत्यारे वारदात के दिन ट्रेन से लखनऊ चारबाग स्टेशन पहुंचे। बाहर निकलकर उन्होंने कमलेश के घर का पता पूछा और गणेशगंज पहुंच गए। जिसके बाद गूगल मैप के जरिए कमलेश की लोकेशन खुर्शेदबाग पहुंचे।
हत्या से एक दिन पहले आधी रात कमलेश को आया था फोन
यही नहीं, बताया जा रहा है कि पुलिस ने 3 मोबाइल नंबर भी खंगाले हैं। जिसमें एक 17 अक्टूबर को एक्टीवेट हुआ नंबर राजस्थान का निकला है। वारदात के एक दिन पहले रात करीब साढ़े 12 बजे कमलेश को कॉल की गई थी। जिस नंबर से कॉल आई थी वो कानपुर देहात के टैक्सी चालक का निकला है। हालांकि, कमलेश की पत्नी ने भी बयान दिया है कि उनके पति को अक्सर धमकी भरे फोन आते रहते थे।
गुजरात से जुड़े हैं इस हत्याकांड के तार
यूपी पुलिस ने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या का केस सुलझाने का दावा किया है। डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा, कमलेश की हत्या के तार गुजरात से जुड़े हैं। सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिलने के बाद सूरत से मौलाना मोहसिन शेख (24), फैजान खान (21) और खुर्शीद अहमद पठान (23) को पकड़ा गया। मोहसिन ने हत्या की साजिश रची थी, जबकि फैजान ने सूरत की दुकान से मिठाई खरीदी थी। वह दुकान की सीसीटीवी फुटेज में नजर आया है। जांच में पता चला है कि कमलेश को मारने गए हमलावरों के हाथ में मिठाई के यही डिब्बे थे, जिनमें उन्होंने हथियार छिपा रखे थे। गुजरात एटीएस ने आरोपियों को यूपी पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। उन्हें लखनऊ लाकर पूछताछ की जाएगी।
मां और पत्नी का है अलग-अलग आरोप
बिजनौर जिले से मोहम्मद मुफ्ती नईम काजी और इमाम मौलाना अनवरुल-हक को हिरासत में लिया है। कमलेश की पत्नी की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में दोनों नामजद आरोपी हैं। आरोप है कि कमलेश द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी के बाद काजी और मौलाना ने 2016 में कमलेश के सिर पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम रखा था। वहीं, कमलेश की मां का कहना है कि गांव में मंदिर को लेकर विवाद में स्थानीय भाजपा नेता ने बेटे की हत्या कराई।
आरोपियों ने कबूल किया गुनाह
डीपीजी की मानें तो मामले में किसी आतंकी संगठन की भूमिका शामिल नहीं है। कमलेश ने 2015 में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जो उनकी हत्या का कारण बनी। हमले की जिम्मेदारी अल-हिंद ब्रिगेड संगठन ने ली है। जिसने कमलेश के बयान को इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने वाला बताया था। एटीएस के डीआईजी का कहना है कि तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
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