कानपुर के इस अस्पताल में चपरासी कर रहे मरीजों का इलाज, डिप्टी सीएम कर चुके हैं दौरा फिर भी नहीं कोई असर

कानपुर देहात के एक मात्र जिला होमियोपैथिक चिकित्सालय सुबह 8 बजे के बजाए 9:30 बजे खुलता है। वहीं अस्पताल से डॉक्टर्स नदारद रहते हैं और फोर्थ क्लास कर्मचारी दवाई देते हैं।

कानपुर देहात:  एक तरफ सीएम योगी हेल्थ को लेकर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे है वहीं दूरसी तरफ कानपुर देहात का जिला होमियोपैथिक चिकित्सालय राम भरोसे चल रहा है। अस्पताल सुबह 8 बजे के बजाए 9:30 बजे खुलता है। अस्पताल से डॉक्टर्स नदारद रहते हैं और फोर्थ क्लास कर्मचारी दवाई देते हैं। अस्पताल में फार्मासिस्ट की तैनाती ही नहीं हुई। सबसे खास बात ये है कि पूरे जिला में सरकारी होमियोपैथिक चिकित्सालय मात्र एक ही है।

नहीं है एक भी डॉक्टर
कानपुर देहात के अकबरपुर कस्बे में बना सरकारी जिला होमियोपैथिक चिकित्सालय में सुबह देर खुलता है और वहां एर भी डॉक्टर मौजूद नहीं है। मरीज डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे और अस्पताल में फोर्थ क्लास कर्मचारी आराम फरमा रहे थे।

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फोर्थ क्लास के कर्मचारी दे रहे है दवा
दरअसल, अस्पताल में किसी फार्मासिस्ट की तैनाती ही नहीं हुई है। लेकिन बता दें कि दवाई लिखता तो डॉक्टर है, लेकिन दवाई देता फार्मासिस्ट है। यहां तो ना ही डॉक्टर है और ना ही फार्मासिस्ट फिर भी इलाज हो रहा है, है ना कितनी गजब की बात। इस बाबत कानपुर देहात में अस्पताल की हातल जस की तस बना हुई है। जबकि खुद सूबे के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक खुद जाकर अस्ताल का निरीक्षण कर रहे है उसके बाद भी हालत बद से बद्दतर है।
 
बृजेश पाठक कर चुके है कई अस्ताल का निरीक्षण
बता दे कि बृजेश पाठक कई अस्पतालों का निरीक्षण कर चुके है ऐर उनकी खामियों को भी पकड़ा है। जिसके बाद कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दे चुके है। लेकिन कानपुर में अस्पतालों पर कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।

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